आज एम.आर.एन.ए. आधारित कोविड बूस्‍टर वैक्‍सीन-जेमकोवैक ओमीक्रोन की शुरुआत

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह ने नई दिल्‍ली में एम.आर.एन.ए. आधारित कोविड बूस्‍टर वैक्‍सीन-जेमकोवैक ओमीक्रोन जारी किया

नई दिल्ली : केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह ने नई दिल्‍ली में आज एम.आर.एन.आधारित कोविड बूस्टर वैक्सीनजेमकोवैक ओमीक्रोन की शुरुआत की। यह तेजी से फैलने वाले ओमीक्रोन वेरिएंट का मुकाबला करने के लिए भारत में विकसित पहला बूस्‍टर कोविड-19 वैक्‍सीन है। यह वैक्‍सीन सोमवार से उपलब्‍ध होगा और इसकी कीमत दो हजार दो सौ बयानवे रुपये प्रति खुराक है।

यह बूस्‍टर वैक्‍सीन उन लोगों को दी जा सकती है, जो को-वैक्‍सीन या कोविशील्‍ड की दो खुराकें ले चुके हैं।

इस अवसर पर डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री के आत्‍मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुसार सदा ही भविष्‍य के लिए तैयार प्रौद्योगिकी प्‍लेटफॉर्म के वास्‍ते प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार को बढावा दिया है।

उन्‍होंने कहा कि भविष्‍य के लिए तैयार इस प्रौद्योगिकी प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कम समय में अन्‍य वैक्‍सीन बनाने के लिए किया जा सकता है। डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार किए गए निवेश से मजबूत उद्यमिता और स्‍टार्ट-अप पारिस्थितिकी प्रणाली का सृजन हुआ है, जिसके जरिए सरकार ने इस महामारी को काबू करने के लिए कार्य किया है।

इस वैक्‍सीन को दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में रखा जा सकता है। देश के तेरह शहरों  के बीस केंद्रों में किए गए तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों में इस वैक्‍सीन ने जबर्दस्‍त प्रतिरोधक क्षमता का प्रदर्शन किया है।

जेमकोवैक-ओमीक्रोन सुई रहित, थर्मोस्‍टेबल वैक्‍सीन है, जिसे एम.आर.एन.ए. आधारित मान्‍यता प्राप्‍त अन्‍य वैक्‍सीन के लिए इस्‍तेमाल किए जाने वाले अति शीत श्रृंखला बुनियादी ढांचे की आवश्‍यकता नहीं है। इस कारण इसे पूरे भारत में कहीं भी रखना आसान हो जाता है।

इस वैक्‍सीन को ढुलाई और भंडारण के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत नहीं है। इसे ओमीक्रोन वेरिएंट के लिए भारत के औषध महानियंत्रक कार्यालय से आपात स्थिति में उपयोग की स्‍वीकृति मिली है। कोविड सुरक्षा मिशन के अंतर्गत इस वैक्‍सीन को विकसित किया गया है।