राज्यपाल उइके ने उठाए सवाल:- नगर पंचायत गठन पर आपत्ति के साथ अफसरों को किया तलब
रायपुर:– छत्तीसगढ़ के राज्य सरकार एवम राजभवन के बीच फिर तलवारें खिंचती नजर आ रही है। नए जिले गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में ग्राम पंचायत मरवाही को नगर पंचायत में शामिल करने पर राज्यपाल अनुसूइया उइके ने सख्त आपत्ति की है। इतना ही नहीं उन्होंने इसे क्यों और कैसे बनाया गया। उस पर चर्चा के लिए आला अफसरों को तलब भी कर लिया है। उइके ने लाॅकडाउन के तुरंत बाद 29 तारीख को बैठक बुला ली है। राज्यपाल की यह आपत्ति ऐसे समय आई है कि जब अगले 7- 15 दिनों में मरवाही उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी होनी है। राज्यपाल उइके पिछले एक साल से आदिवासी इलाकों के पंचायतों को नगर पंचायत बनाने का विरोध करती रही हैं। इसे लेकर वह पंचायत मंत्री के एवम सीएम के समक्ष भी एतराज कर चुकी है। इधर आज उइके ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग को पत्र भेजकर मरवाही के मामले जांच करने कहा है। राज्यपाल ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल सभी कार्यवाही स्थगित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने अफसरों को तलब कर बैठक भी बुलाई है।छत्तीसगढ़ के राजपत्र में पिछले 18 अगस्त को नगर पंचायत मरवाही के गठन की अधिसूचना प्रकाशित की गई। इस संबंध में कुछ नागरिकों ने राजभवन को पत्र लिखकर मरवाही नगर पंचायत के गठन पर आपत्ति जताते हुए, निराकरण के अभिलेख उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। चूंकि नया जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आता है। इसलिए इस विषय पर राज्यपाल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस विषय को लेकर राजभवन ने जो पत्र जारी किया। उसमें कहा गया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में यह लागू नहीं होगा।पूर्व में भी राज्यपाल ने बीजेपी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में करीब 27 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन किए जाने पर भी आपत्ति जताई थी।