भारत में जूते चप्पलों के लिए आया सख्त कानून, 1 जुलाई के बाद से सरकार करने जा रही है सख्ती

नई दिल्ली : देश की फुटवियर इंडस्ट्री (Footwear Industry) के लिए 1 जुलाई से सख्त कानून लागू होने जा रहे हैं। इसी के साथ ही अब भारत में घटिया क्वालिटी के जूते चप्पलों का दौर भी खत्म हो जाएगा। अभी तक सोने-चांदी से लेकर विभिन्न प्रोडक्ट के लिए लागू होने वाले बीआईएस मानक (BIS Standard) फुटवियर पर भी लागू होंगे।

फुटवियर उत्पादों के बड़े एवं मझोले स्तर के विनिर्माताओं और सभी आयातकों को एक जुलाई से 24 उत्पादों के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानकों का पालन करना होगा। चीन जैसे देशों से खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का आयात रोकने के लिए ये मानक लागू किए जा रहे हैं।

सरकार ने अक्टूबर, 2020 में 24 फुटवियर एवं संबंधित उत्पादों के लिए क्यूसीओ को अधिसूचित किया था लेकिन बाद में इसकी समयसीमा तीन बार बढ़ाई जाती रही। इस बार भी फुटवियर विनिर्माता इसे आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने इसे एक जुलाई से लागू करने का फैसला कर लिया है।

क्या होगा फायदा

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार यह कदम दोयम दर्जे के उत्पादों के आयात को रोकने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठा रही है। बेहतर गुणवत्ता और ज्यादा उत्पादन के लिए बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) का पालन करना होता है। इससे उपभोक्ताओं को भी अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलते हैं। उन्होंने उद्योग जगत से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा हिस्सेदारी पाने के लिए गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कहा।

घटिया क्वालिटी के जूतों के नियात से परेशान इंडस्ट्री

मंत्री ने कहा, ”चमड़ा और गैर-चमड़ा फुटवियर के लिए गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था (क्यूसीओ) एक जुलाई 2023 से लागू होगी। अगर उद्योग जगत के हितधारक आयात के दौरान कीमत कम दिखाने जैसे तथ्य और आंकड़े उपलब्ध कराते हैं तो सरकार कार्रवाई करेगी।” गोयल ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन और ज्यादा क्षमता समय की जरूरत है। मंत्री ने कम गुणवत्ता वाले और कम कीमत वाले कच्चे माल के आयात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे निपटने की जरूरत है।