रिश्तेदार जबरन कराते थे बर्तन झाड़ूृ-पोछा, नाबालिग को किया दिल्ली से रेस्क्यू

सुकमा,  सुकमा जिले में महिला बाल विकास विभाग ने दिल्ली में फंसी 17 वर्षीय बालिका को सकुशल उसके गृह ग्राम पहुंचाया है। बालिका को स्वास्थ्य विभाग एवं राजस्व विभाग की टीम द्वारा राज्य के सीमा अन्तर्गत कोन्टा ब्लाक मुख्यालय के समीप से रेस्क्यू किया गया था।

कोराना वायरस के संक्रमण व रोकथाम हेतु प्रशासन द्वारा बालिका को कोन्टा मुख्यालय स्थित क्वारनटाईन सेन्टर में 14 दिवस के लिये आश्रय दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बालिका अपने किसी रिश्तेदार के साथ दिल्ली गई हुई थी जहां उससे झाड़ू, पोछा, कपड़ा, बर्तन धोने सहित घर के अन्य काम करते थे। बालिका को काम के लिए पैसे नही दिये जाते थे साथ ही रिश्तेदार उसे अपने घर वापस जाने नही दे रहे थे।

बालिका बिना किसी को सूचना दिये किसी तरह रेलगाड़ी द्वारा दिल्ली से जबलपुर होते हुए हैदराबाद पहुंची। हैदराबाद में रास्ता भटकने पर एक समाज सेवी संस्था द्वारा बालिका को छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा अन्तर्गत कोन्टा ब्लाक मुख्यालय में छोड़ा गया था।

जशपुर की रहने वाली है बालिका

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अतुल परिहार ने बताया कि क्वारंटाईन अवधि पश्चात् बालिका को किशोर न्याय अधिनियम के तहत बाल कल्याण समिति सुकमा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, समिति द्वारा बालिका से आवश्यक परामर्श कर जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुकमा को बालिका के मूल जिले से गृह सत्यापन कर रिपोर्ट प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया था।

सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने तक बालिका को सखी वन स्टॉप सेन्टर में अस्थाई रूप से आश्रय प्रदान किया गया था। जिला जशपुर से प्राप्त बालिका का गृह सत्यापन रिपोर्ट का अवलोकन कर समिति द्वारा नियमानुसार बालिका को गृह जिला जशपुर स्थानांतरित किये जाने हेतु कार्यवाही की गई।

सुकमा कलेक्टर श्री चंदन कुमार के निर्देशानुसार दिनांक 13 अगस्त 2020 को जिला बाल संरक्षण इकाई एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा बालिका को रायपुर जिला मुख्यालय में जशपुर टीम को सुपूर्द किया गया जिसके पश्चात् जशपुर टीम द्वारा बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर उसके परिजनों के सुपूर्द किया गया।

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