फर्जी बिल के माध्यम से बीपीएल परिवार से की जा रही है वसूली मामले की जांच के बाद आरोप सिद्ध होता है तो होगी कार्यवाही
कोंड़ागांव, 23 सितंबर:– जिले के केशकाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत कोहकामेटा में सभी बीपीएल श्रेणी के परिवारों को 40 यूनिट बिजली का 630 रूपए की नगद वसूली की जा रही है। वहीं दूसरी ओर जहां केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवारों को नि:शुल्क 40 यूनिट तक बिजली देने की बात कही जा रही है। जो बिजली उपभोक्ता तुरंत पैसे नही दे रहे हैं उनकी कनेक्शन काट देने की धमकी भी दी जा रही है। ग्रामीणों को फर्जी बिल के माध्यम से दर्जनों घरों से वसूली की जा चुकी है। बिजली विभाग के ही कर्मचारियों के द्वारा इस प्रकार का फर्जीवाड़ा किये जाने की बात सामने आ रही है।
कांग्रेस के द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है तो प्रदेश भर के बीपीएल परिवारों को 40 यूनिट तक का बिजली नि:शुल्क दिया जाएगा। लेकिन केशकाल में सरकार की इस योजना का क्रियान्वयन होता नजर नहीं आ रहा है क्योंकि केशकाल विद्युत विभाग के एक कर्मचारी के द्वारा फर्जी तरीके से बिजली बिल बना कर लोगों से अवैध वसूली की जा रही है।
केशकाल विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कोहकामेटा में रहने वाले लगभग परिवार बीपीएल कार्ड धारक हैं जिन्हें शासन की योजनांतर्गत 40 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है। यदि कोई 40 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करता है तो उस यूनिट की राशि का भुगतान करना होगा। लेकिन केशकाल के विद्युत विभाग के कर्मचारी के द्वारा बिजली बिल की फोटोकॉपी करवा कर सील, हस्ताक्षर, पिछली रीडिंग तथा वर्तमान रीडिंग के बिना ही उसमें फर्जी तरीके से हस्तलिखित मूल्य डाल कर भोलेभाले ग्रामीणों से 40 यूनिट बिजली के एवज में 500 से 700 रुपए तक की अवैध वसूली की जा रही है। ग्राम कोहकामेटा के ग्रामीणों ने बताया कि उक्त कर्मचारी ने हमारे हाथ मे बिजली का बिल देकर कहा कि कोरोना काल के चलते हम घर-घर जाकर बिजली बिल दे रहे हैं जिसका भुगतान भी तुरन्त करना पड़ेगा आपको बिजली ऑफिस जाने की जरूरत नही है। यदि तुरंत भुगतान नही किया जाता तो थोड़ी ही देर में आपके घर की बिजली सप्लाई काट दी जाएगी। जिसके कारण ग्रामीणों ने पैसे नही होने बावजूद उधार की व्यवस्था कर उक्त कर्मचारी को पैसे दिए हैं।
केशकाल विद्युत विभाग के सहायक कनिष्ठ अभियंता राजेंद्र नेताम से पूछने पर उन्होंने बताया कि सोमवार को हमे जानकारी मिली कि हमारे विभाग के कर्मचारी के द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया है, हमारे द्वारा मामले जांच की जा रही है। यदि आरोप सिद्ध होता है तो उक्त कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी साथ ही जिन ग्रामीण उपभोक्ताओं से बिजली बिल के नाम पर पैसे लिए गए हैं उन सभी को पैसे वापस करवाए जाएंगे।