School fee के लिए दबाव बनाना अनुचित – Vikas Upadhyay
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay)ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा लगातार पलकों से उस अंतराल की फीस की मांग करना जिस दौरान शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह बन्द थीं, पूरी तरह अनुचित है। बिना कोई सेवा दिए स्कूलों द्वारा फ़ीस और अन्य खर्चों की मांग करना अवैध है।
स्कूल के एडमिशन फॉर्म में कोई फोर्स मेजर क्लॉज नहीं है। कुछ स्कूलों द्वारा सितम्बर माह से ऑनलाइन क्लास शुरू करने की सूचना पलकों को दी जा रही है तो साथ ही शर्त ये रखी जा रही है कि पिछले महीनों के फीस न जमा करने की स्थिति में ऐसे विद्यार्थियों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा ये शिक्षा के अधिकार पर सीधा हनन है।
विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के एडमिशन फार्म में फोर्स मेजर क्लॉज नहीं है, इसलिए बिना सेवा के फीस और अन्य खर्च की मांग करना गैरकानूनी है। उन्होंने कहा इसके और भी गहराई पर जाएं तो ऑनलाइन कक्षाओं का एडमिशन फॉर्म में कोई उल्लेख नहीं है।
फिर भी इस वैश्विक महामारी का अंदेशा सभी को चूँकि मालूम नहीं था कि इतने लंबे समय तक रहेगा तो निजी स्कूलों को भी विचार करना चाहिए कि वह पूर्व वर्षों की तरह पूरे महीनों का फीस वसूली कैसे कर सकती है। अभी जो फीस की मांग की जा रही है उसमें मार्च माह से लेकर पूरे वर्ष भर के फीस का जिक्र है जो पूरी तरह से अनुचित व अव्यवहारिक है।
विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) ने कहा एडमिशन फॉर्म में कोई क्लाज नहीं है कि महामारी / प्रतिकूल स्थिति / राष्ट्रीय लॉकडाउन आदि के मामले में स्कूल प्रशासन ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करेगा और उसी के लिए फीस और अन्य खर्च मांगेगा। ऑनलाइन कक्षा तो स्कूली शिक्षा की अवधारणा से पूरी तरह से अलग है।
इसके कई दुष्प्रभाव और अवगुण भी सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में निजी स्कूलों को भी कुछ नुकसान उठाना पड़ेगा,इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन से कहा है वे अपने निजी स्कूलों की स्थिति परिस्थितियों को लेकर जिस तरह चिंतित व गंभीर हैं, ऐसा ही उनको उन पलकों की आर्थिक परिस्थितियों को लेकर भी चिंतन करना चाहिए जिनका पिछले 5 माह से कोई आवक नहीं है।
जिसके चलते वे गंभीर आर्थिक अभाव में गुजारा बसर कर रहे हैं । विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) ने छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन और पलकों के साथ बैठक कर इस समस्या के बीच का रास्ता निकालने मध्यस्थता करने की हामी भरते हुए कहा है,हमें मिल बैठ कर ऐसी परिस्थितियों में कोई उचित रास्ता निकालने की जरूरत है,जिससे कि दोनों पक्षों को संतुष्टि मिल सके।
निजी स्कूलों द्वारा पालकों पर शैक्षणिक गतिविधियों के शून्य काल का भी फीस जमा करने दबाव बनाए जाने को लेकर निजी स्कूल एसोसिएशन और पालकों के बीच मध्यस्थता करने हामी भरते हुए कोई हल निकालने की पहल की ।
Posted by Vikas Upadhyay on Sunday, September 6, 2020
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