दशहरा पर्व के दौरान पुतला दहन के संबंध में जारी आदेश
दन्तेवाड़ा :– जिले के विभिन्न स्थानों में संभावित पुतला दहन कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुए पुतला दहन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गए है।
जारी दिशा-निर्देश के तहत पुतलों की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होना चाहिये। पुतला दहन किसी बस्ती रहवासी इलाके में न किया जाये, पुतला दहन खुले स्थान पर करें, पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी हाल में 50 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होंगे।
आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होंगे। अनावश्यक भीड़ एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।
कार्यक्रम का यथासंभव ऑनलाईन माध्यमों आदि से प्रसारण कराये। पुतला दहन के दौरान आयोजन का विडियोग्राफी कराया जाये तथा आयोजक एक रजिस्टर संधारित करेंगे एवं पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज करें एवं आयोजन करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 4 सीसीटीवी लगायें ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।
प्रत्येक समिति एवं आयोजक समय पूर्व सोशल मीडिया में यह जानकारी देंगे कि कोविड-19 कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से करें।
पुतला दहन में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशलध्फिजिकल डिस्टेसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करना अविवार्य होगा। रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्यत बेरिकेटिंग कराये।
आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे धुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी। रावण पुतला दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति अथवा आयोजकों की होगी।
कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्नि-शमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्य रूप से करें।
आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन करें और यातायात बाधित न हो इस बात का विशेष ध्यान रखें। आयोजन के दौरान एनजीटी व शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिये निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें।
नियमों के उल्लंघन करने पर समिति’ आयोजक जिम्मेदार होंगे। यदि कोई व्यक्ति जो पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन आयोजकों ’समिति द्वारा किया जायेगा।
कंटेनमेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। यदि पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के पश्चात उपरोक्त क्षेत्र में कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल कार्यक्रम निरस्त माना जायेगा एवं कंटेनमेंट जोन के समस्त निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
एक आयोजन स्थल से दूसरे आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम न हो। आयोजन स्थल के लिये पहले आओ, पहले पाओ नीति के तहत पहले प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता दी जायेगी।
इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 4 जून 2020 को जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। दिये गये शर्तो का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार का अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी, जिनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। उक्त शर्तो के अधीन 10 दिवस के पूर्व संबंधित क्षेत्र के नगर पालिका, नगर पंचायत कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही पुतला दहन की अनुमति होगी।
यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी।