महासमुंद जिले में अब होगी मखाना की खेती, उद्यानिकी विभाग ने तैयार कि प्रोजेक्ट, इच्छुक किसानों से मंगाए गए आवेदन
महासमुंद 26 सितंबर :– बिहार में पैदा होने वाला मखाना अब प्रदेश के कई जिलों में स्तक दे रहा है। धमतरी, रायपुर के बाद अब इसकी फसल महासमुंद जिले में भी ली जाएगी। इसके लिए उद्यानिकी विभाग किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। जिन किसानों के पासा तालाब है, वह माखाना की खेती कर सकता है। इस खेती के लिए हर समय करीब दो से तीन फीट पानी की आवश्यकता होती है। बता दे कि कई जगहों में सिंघाड़ा की खेती हो रही है, यह खेती भी कुछ इसी प्रकार है। कृषि विभाग से उद्यानिकी को इस बार खेती के लिए लक्ष्य मिल गया है। अब विभाग सभी विकासखंंडों में मखाना की खेती करने के लिए किसानों को इसकी भरपूर जानकारी दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि मखाने की खेती के लिए अभी एक किसान ने विभाग को हामी भर दी है। वहीं अन्य किसानों को भी खेती के लिए आगे आने विभाग प्रचार-प्रसार कर रहा है। उद्यानिकी के सहायक संचालक दिलीप सिंह कुशवाहा ने बताया कि जिले में सात हेक्टेयर में मखाना की खेती की जाएगी। शासन से इसके लिए सात एकड़ का ही लक्ष्य मिला है। खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। महासमुंद ब्लॉक में किसान संजय चंद्राकर ने रूचि दिखाई है। जल्द ही महासमुंद में मखाना की खेती होगी। इसके अलावा विभाग पांचों विकासखंड में मखाना की खेती के लिए किसानों से चर्चा कर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में धमतरी के कृषि विज्ञान केंद्र इसकी खेती की जा रही है। इसके अलावा आरंग के पास भी इसकी खेती हो रही है।
50 प्रतिशत सब्सिडी, किसानों के सीधे खाते जाएगी राशि
मखाना की खेती करने वाले किसानों को सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। इस खेती के लिए कम लागत आती है। एक एकड़ में खेती करने के लिए किसान को 60 हजार रुपए खर्च करने होंगे। इसके बाद शासन द्वारा किसान को 50 प्रतिशत सब्सिडी यानी 30 हजार रुपए मिलेगी। यह राशि उद्यानिकी विभाग द्वारा सीधे किसान के खाते में जमा होगी। जिले को सात हेक्टेयर में इसी खेती का लक्ष्य मिला है। उन्होंने बताया कि जो किसान मखाना की खेती के लिए इच्छुक है वे उद्यानिकी विभाग आकर संपर्क कर सकते हैं। उन्हें खेती करने के लिए विभाग को आवेदन करना होगा। यह आवेदन विभाग के पास है।
तालाब वाले किसान अपना सकते है खेती
मखाना की खेती दलदली वाले तालाब में होती है। जिन किसानों के पास तालाब है, वह यह खेती कर सकते हैं। इस खेती में कम लागत आती है। मछली पालन करने वाले किसान भी इसी खेती को बड़ी आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि इन तालाबों में हमेशा पानी रहता है। मखाना की खेती के लिए दो या तीन फी तक पानी होना आवश्यक है। यह पानी तालाब या ताल में होती है। धमतरी कृषि विज्ञान केंद्र में खेती हो रही है। इसके आवाला वहां के कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं।