होम आइसोलेशन में डेली फाॅलोअप जरूरी, व्हाट्सएप पर मिल रहा छुट्टी का सर्टिफिकेट

महासमुंद 12 अक्टूबर 2020/जिले में कोविड-19 के ऐसे धनात्मक प्रकरण जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण नहीं हैं। ऐसे लोगों के लिए होम आइसोलेशन में रह कर उपचार लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। होम आइसोलेशन के जिला नोडल अधिकारी श्री संदीप ताम्रकार से मिली जानकारी के मुताबिक 11 अक्टूबर 2020 तक एक हजार 344 मरीजों को होम आइसोलेट किया जा चुका है, वहीं इनमें से एक हजार 77 की छृट्टी भी हो चुकी है। वही कुल 66 होम आइसोलेटेड मरीजों के रिफर होने के बाद अब केवल 201 मरीज ही एक्टिव बचे हैं। श्री ताम्रकार ने होम आइसोलशन में उपचाररत मरीजों से अपील की है कि वे अपने स्वास्थ्य संबंधी दैनिक रिपोर्ट के बारे में होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम को अनिवार्य रूप से अवगत कराते रहें। जिसमें मुख्य रूप से शरीर का तापमान एवं ऑक्सीजन की मात्रा सहित अन्य आवश्यक जानकारियां है।
इस संबंध में होम आइसालेशन कंट्रोल रूम में कार्यभार सम्हाल रहे डाॅ. बी.एल. मिश्रा ने बताया कि होम आइसोलेशन के मरीजों को डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के लिए चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम आपको आपके होम आइसोलेशन प्रपत्र के पंजीकृत दूरभाष नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी होम आइसोलेशन पूरा होने या छुट्टी हो जाने के आशय का प्रमाणिक सर्टिफिकेट जारी करता है। इसके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि होम आइसोलेशन में जाने के पहले दिन से आगामी दस दिनों तक आप एक्टिव होम आइसोलेशन में रहेंगे और उसके बाद भी अगले सात दिनों तक आपको सेल्फ होम आइसोलेशन में रहना होगा। इस दौरान आपके द्वारा भेजी गई जानकारी व रिपोर्ट के आधार पर परीक्षण किया जाएगा। जिन मरीजों में लक्षण नहीं पाए जाएंगे और स्वास्थ होने के प्रमाण पुष्ट होंगे उन्हें होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम द्वारा उनके दूरभाष नंबर पर ही व्हाट्सएप के जरिए सफलतापूर्वक आइसोलशन अवधि पूर्ण कर छुट्टी किए जाने का प्रमाणिक दस्तावेज भेज दिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि जिले में बिना लक्षण वाले ऐसे धनात्मक मरीज, जिनके घरों में मरीज के रहवास के लिए पृथक कक्ष एवं शौंचालय की व्यवस्था है और यदि वे होम आइसोलेशन के प्रपत्र में मांगी जाने वाली सरलतम जानकारी को पूर्ण कर अनुमति के लिए विधिवत आवेदन करते हैं। तब पात्र पाए जाने पर उन्हें होम आइसोलशन में रह कर उपचार लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जिनके पास इस तरह की व्यवस्था नहीं है वे कोविड केयर सेन्टर्स या डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भी उपचार ले सकते हैं।