चोर पंचक” 9 जून से हो रहे हैं शुरू, फूंक-फूंक कर रखना होगा कदम

पंचक हर महीने आते हैं, आइये जानते हैं जून के महीने में पंचक कब से शुरु हैं। इस साल जून माह में पड़ने वाले पंचक को चोर पंचक कहा गया है। इस वर्ष आषाढ़ मास में जो पंचक पड़ रहें वो शुक्रवार के दिन से शुरु हो रहें हैं जिस वजह से इनको चोर पंचक कहते हैं।

रायपुर : हिन्दूधर्म में पंचक का बड़ा महत्व होता है। किसी भी शुभ काम की शुरूआत इसमें करना वर्जित है। जून में पंचक कल यानि 9 जून से शुरू हो रहे हैं। इस बार के पंचक “चोर पंचक” हैं। पर क्या आप जानते हैं चोर पंचक क्या होते हैं। यदि नहीं तो चलिए जानते हैं पंडित राम गोविंद शास्त्री से कि इनके शुरू होने का समय क्या है।

पंचक में कौन से काम नहीं करना चाहिए

पंचक काल को अशुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दौरान रोग, राज, अग्नि, चोर और मृत्यु नामक दोष सक्रिय हो जाते हैं। यही कारण है कि चोर पंचक में घर में लकड़ी लाना बेहद अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं इसी के चलते इस दौरान चारपाई बुनना, घर की छत डालना, घर में रंग रोगन करना, दक्षिण दिशा की ओर सैर करना शुभ नहीं होता है। साथ ही नए कपड़े या घर के लिए कोई नई वस्तुएं भी नहीं खरीदी जाती है।

पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।
पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।
पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।
इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।
पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्‍यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्‍कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।