बाल संरक्षण इकाई द्वारा जागरूकता अभियान

गरियाबंद 03 अक्टूबर 2020/ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 02 अक्टूबर को जन्म दिवस के अवसर पर जिले के छुरा विकासखण्ड के चिन्हांकित ग्राम पंचायतों में आयोजित विशेष अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई गरियाबंद के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा ग्राम पंचायत – रसेला, मेड़कीडबरी, मुढ़ीपानी, कुडेरादादर, रूवाड़, मुडागांव, रानीपरतेवा, बम्हनी, करचाली, खड़मा, फुलझर, अतरमरा, कुरूद, सांकरा, मुरमुरा, लोहझर, मडेली, पक्तिंया, जरगांव, हरदी, खरखरा, पेन्ड्रा, देवरी तथा सिवनी सहित कुल 24 पंचायतों में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015, लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, पंचायतों में बाल संरक्षण समिति के पुनर्गठन, जिले के संकटग्रस्त बालकों का चिन्हाकन करने, बाल अपराध से संबंधित विषयों पर, गुड टच एवं बेड टच, बाल विवाह के बारे में जानकारी दी गई। बाल विवाह के संबंध में बताया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के आयु के लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह काननून अपराध है, शिशु पालना केन्द्र के बारे में बताया गया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 में अनाथ, परित्यक्त और अभ्यर्पित बालकों के कुटुंब के अधिकारो को सुनिश्चित करने के लिए जिला में स्थित अस्पतालों/स्वास्थ्य केन्द्रों/नर्सिग होम में शिशु स्वागत पालना केन्द्र स्थापित किया जा चुका है। गरियाबंद जिले के सभी जिला चिकित्सालय, संयुक्त जिला कार्यालय, जिला बाल संरक्षण इकाई गरियाबंद, सखी वन स्टाॅप सेन्टर गरियाबंद, जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं निजी चिकित्सालय राजिम में कुल 25 शिशु पालना केन्द्र स्थापित किया गया है। स्थापित शिशु स्वागत पालना केन्द्र में शिशु प्राप्त होते ही आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराते हुये निकटतम दत्तक ग्रहण अभिकरण/बाल कल्याण समिति/जिला बाल संरक्षण इकाई (म.बा.वि) को सूचना जा जा  सकता है। बाल श्रम के बारे में बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र के आयु बालकों को फैक्टरी, कल करखानो तथा होटलो, ढाबों में कार्य करवाना कानूनन अपराध है तथा ऐसा कराये जाने पर सजा का प्रवाधान रखा गया। दत्तक ग्रहण के माध्यम से निःसंतान दम्पति को अनाथ बच्चों को वैधानिक रूप से गोद लेने हेतु पे्ररित किया गया। कोविड – 19 के संक्रमण के बचाव के संबंध में बारे में जानकारी दिया गया। नशा मुक्ति, कन्या भू्रण हत्या, बच्चों के अवैध प्रवास, चाईल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098, पलायन, भिक्षावृत्ति के बारे में बताया गया कि कोई भी व्यक्ति अगर कोई बालकों को भीख मगवाता है या उसे प्रेरित करवाता है तो आप जिला बाल संरक्षण इकाई(म.बा.वि.) /विकासखण्ड स्तर पर सर्व परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना, महिला एवं बाल विकास विभाग गरियाबंद को सूचित या चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 में निःशुल्क काॅल कर जानकारी दिया जा सकता है।
जिला बाल संरक्षण समिति की सचिव श्रीमती जगरानी एक्का के मार्गदर्शन में विभिन्न ग्राम पंचायतों में बाल संरक्षण विषय पर जागरूकता करने हेतु श्री शरदचंद निषाद (विधिक सह परीवीक्षा अधिकारी), श्री शैलेन्द्र नागदेवे संरक्षण अधिकारी, श्री प्रेमशंकर यादव, श्री प्रदीप जगताप, श्री पुष्कर सिंह साहू, श्री तुलाराम वर्मा, श्री अजीत कुमार शुक्ला, श्री यशंवत धु्रव, श्रीमती हेमलता नाविक एवं श्रीमती स्नेहलता शुक्ला के द्वारा बाल संरक्षण विषय पर जानकारी दिया गया।