उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कोविड महामारी के दौरान भी सकारात्मक आर्थिक वृद्धि के लिए देश के कृषि क्षेत्र की सराहना की
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि कोविड महामारी के बावजूद किसानों के सराहनीय योगदान से देश में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक विकास हुआ है।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू आज पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी में पंडित दीन दयाल उपाध्याय बागवानी और वानिकी महाविद्यालय के परिसर में डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह का उद्घाटन कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने भारतीय कृषि को सतत और लाभदायक बनाने के लिए पूरी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि के तौर-तरीकों में बदलाव लाकर कम क्षेत्र में भी ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए उपराष्ट्रपति ने पारंपरिक विद्या और आधुनिक प्रौद्योगिकी में सामजस्य लाने की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने कृषि विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को बढावा दिए जाने की जरूरत पर भी बल दिया, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो।
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि स्थानीय नवाचारों को भी लोकप्रिय बनाने की जरूरत है।
जापान जैसे देशों में कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें पीछे नहीं रहना चाहिए और ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
समारोह में कृषि और अन्य संबंधित विषयों पर 850 छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएंगी। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
आज बाद में नायडू बिहार के नालंदा जिले में नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित छठे अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्मा सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय है-कोविड महामारी के बाद के विश्व की रचना में धर्म-धम्मा परम्पराओं की भूमिका।
नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति सुनैना सिंह ने कहा कि सम्मेलन में गणमान्य लोग, राजनेता, विद्वान और दुनियाभर के धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। उद्घाटन समारोह में राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और श्रीलंका सरकार के एक मंत्री भी शामिल होंगे।