संसद में पारित कृषि बिल का संसदीय सचिव ने जताया विरोध किसान विरोधी है कृषि बिल–विनोद चन्द्राकर
महासमुन्द:– संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चन्द्राकर ने संसद में पारित हुए कृषि संबंधित तीन बिलों को किसानों के हितों के खिलाफ बताया है।कांग्रेस हमेशा किसानों और मजदूरों के लिए लड़ती आई है। इस मुद्दे को लेकर भी हरसंभव कदम उठाएगी।
संसदीय सचिव श्री चन्द्राकर ने कहा कि विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद संसद के दोनों सदनों द्वारा किसान उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक और किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन का समझौता एवं कृषि सेवा विधेयक पारित किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का नया बिल निजी बाजारों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।कहा, केंद्र ने अनाज भंडारण की सीमा को हटा दिया है। ये बिल बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कृषि क्षेत्र में काम करने की अनुमति देगा, उन्हें नियंत्रण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार बिल किसान हित मे नहीं है। केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए पूर्व नेताओं के वर्षों पहले उठाए गए सभी कदमों को उलट रहे हैं। किसानों का भविष्य अच्छा नहीं है और ये देश के पक्ष में नहीं है। यही कारण है कि सरकार के सहयोगी ही उसके खिलाफ खड़े हो रहे। इस बिल के विरोध में कई जगहों पर विरोध भी शुरू हो गया है। संसदीय सचिव श्री चन्द्राकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि वे 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे, लेकिन ये बिल उन्हें गरीब बना देगा। बिल के माध्यम से कृषि क्षेत्र का कॉर्पोरेटकरण किया गया है।