राष्ट्र आज 2001 में संसद हमले में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों का स्मरण कर रहा है
नई दिल्ली :- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने आज संसद भवन पर 2001 में हुए कायरतापूर्ण हमले को विफल करने में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश उन वीर शहीदों का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करता है जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन संसद भवन की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिये थे। उन्होंने लोकतंत्र के इस मंदिर के उन रक्षकों के महान बलिदान को नमन करते हुए कहा कि आतंकवादी ताकतों को परास्त करने के अपने संकल्प को हम मजबूत करते हैं।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि आतंकवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय को उन देशों के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए, जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम 2001 में आज ही के दिन संसद भवन पर किए गए कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि संसद की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले लोगों की वीरता और बलिदान का हम सदा याद रखेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि समूचा राष्ट्र उन शहीदों का कृतज्ञ रहेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी उन सुरक्षाकर्मियों और संसद के अधिकारियों को याद किया जिन्होंने लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि उनकी कर्तव्य निष्ठा, वीरता और शौर्य हमें आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को और सुदृढ़ करेगा।
इस अवसर पर बाद में संसद भवन परिसर में श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई, जिसमें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, राज्यसभा में सदन के नेता थावरचंद गहलोत, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कई सांसदों ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।