खाद्यमंत्री प्रवासी श्रमिकों के लिए आयोजित जनता का फैसला कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर :- खाद्य, नागरीक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत आज वर्चुअल माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिकों के लिए आयोजित ‘‘जनता का फैसला’’ कार्यक्रम में शामिल हुए।

मंत्री भगत वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान धान के कटोरा से जैसा है। यहां लगभग 80 प्रतिशत लोगों का जीवन-यापन कृषि से होता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसान, गरीब, मजदूर सहित सभी लोगों के लिए सस्ते कीमत पर खाद्यान्न की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। इससे सभी लोगों को सुगमता से कम कीमत पर राशन उपलब्ध हो रहा है।

मंत्री भगत ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012 में जो खामियां थीं, उसे संशोधित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लगभग 68 लाख राशन कार्ड के जरिये ढाई करोड़ से अधिक लोगों तक राशन पहुंचाया जा रहा है।

वर्चुअल कार्यक्रम में स्वास्थ मंत्री टी.एस. सिंहदेव भी विशेष रूप  से उपस्थित थे।

मंत्री भगत ने फेसबुक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि केन्द्र सरकार प्रति व्यक्ति 5 से 7 किलो अनाज उपलब्ध कराती है, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार प्रति व्यक्ति 10 किलाग्राम चावल उपलब्ध करा रही है।

तीन व्यक्ति होने पर 35 किलो राशन एवं अतिरिक्त प्रति व्यक्ति पर 7 किलाग्राम की मांग से चावल उपलब्ध करा रहे हैं।

जनघोषणा पत्र में राज्य में कोई भी भूखा न सोये, सबको भोजन का अधिकार मिले का भी उल्लेख किया गया था। जिस पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक सरलता से खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सफलता हासिल की है।

खाद्यमंत्री ने फेसबुक वर्चुअल माध्यम से जुड़े बिलासपुर के प्रवासी श्रमिकों की समस्याएं सुनी उन्होंने समस्याओं के शीघ्र निराकरण का भरोसा दिलाया।

भगत ने कहा कि केन्द्र सरकार वन नेशन वन राशन कार्ड योजना प्रारंभ की है। प्रवासी मजदूरों को कहीं भी, किसी भी स्थान पर राज्यों द्वारा निर्धारित मात्रा में राशन उपलब्ध हो इसके लिए युनिवर्सल राशन कार्ड की वकालत करता हूं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पात्र हितग्राहियों जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं, राशन कार्ड के लिए आवेदन करने शीघ्र उनके राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था की है।

मंत्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार लोगों के आर्थिक समृद्धि के लिए गुणात्मक प्रयास कर रही है। भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनते ही महज दो घंटे में ही किसानों के कृषि ऋण माफ किया गया।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। सिंचाई कर माफ किया गया। इससे किसानों को मजबूती मिली, किसानी का भी रकबा बढ़ा है।

खाद्यमंत्री भगत ने कहा कि कोविड-19 महामारी में पीड़ितों के उपचार, खाद्य सुरक्षा एवं अन्य सुविधाओं के बजट की कोई कमी नही होने दिया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने राज्य के लोगों की सुरक्षा एवं बचाव के लिए डीएमएफ, आपदा और सीएसआर की राशि भी कोविड नियंत्रण एवं उपचार में खर्च की। लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों में जब प्रवासी श्रमिक और उनके परिजन बोझा लेकर भूखे-प्यासे, पैदल चलने मजबूर थे।

छत्तीसगढ़ की सरकार ने न सिर्फ प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य राज्यों में फंसे लोगों के लिए राशन आदि की व्यवस्था की वहीं उन्हें सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाने का सफल प्रयास भी किया। कार्यक्रम में आयोजक समिति और एनएफआई के प्रतिनिधि उपस्थित थे।