भोपाल, इंदौर में बरतें विशेष सावधानी : मुख्यमंत्री चौहान

महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों में कोरोना के कुछ प्रकरण सामने आने से चिंतित मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

भोपाल :- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के कुछ मामलों के सामने आने पर मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में समीक्षा की। मुख्यमंत्री  चौहान ने विशेष रूप से महाराष्ट्र सीमावर्ती जिलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के निर्देश दिए। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि कहीं पड़ोसी राज्य से आने-जाने वालों की वजह से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में समस्या का विस्तार न हो, इस आशंका को निर्मूल किया जाए। फेस मास्क, सैनिटाइजर के उपयोग और बड़े मेलों और जलसों के आयोजन पर नियंत्रण का कार्य भी किया जाए।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन नितेश व्यास, आयुक्त जनसंपर्क सुदाम खाड़े उपस्थित थे।

सीमित संख्या में हों कार्यक्रम

बैठक में बताया गया कि उज्जैन में महाशिव रात्रि पर्व पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु आमतौर पर जुड़ते हैं, जिनकी इस वर्ष अनुमानित संख्या 20 से 25 हजार ही होगी। अन्य स्थानों पर भी धार्मिक आयोजनों में नागरिकों की संख्या सीमित रखने और बड़े आयोजन संपादित न करने के निर्देश दिए गए हैं।

सीमावर्ती जिलों की चिंता

मुख्यमंत्री चौहान ने छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में इस सप्ताह सामने आए कोरोना के कुछ प्रकरणों की जानकारी प्राप्त की और आवश्यक सावधानियाँ बरतने के निर्देश वीडियो कांफ्रेंस द्वारा संबंधित कलेक्टर को दिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न जिलों और संभागों के लिए अधिकृत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से भी चर्चा कर जानकारी प्राप्त की। प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने भोपाल, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने उज्जैन और अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने विभिन्न सीमावर्ती जिलों में आए कोरोना प्रकरणों के संबंध में जानकारी दी और रोकथाम के प्रयासों के बारे में भी बताया।

जारी रहे रोको टोको अभियान

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा के भोपाल और इंदौर महानगर में आज क्रमशः 90 और 156 प्रकरण सामने आए हैं। इसको देखते हुए सभी एहतियात बरतें। इसके साथ ही अन्य नगरों में भी आवश्यक एहतियात बरतना आवश्यक है। नागरिक खुद भी सजग रहें और प्रशासन द्वारा भी रोको टोको अभियान अवश्य संचालित किया जाए। यह जागरूकता हमें रोग को फैलने से बचाएगी और हम गत 11 माह में जिस समस्या से दो-चार होने के बाद सामान्य स्थिति में आ रहे हैं, वह कायम रह सकेगी।

वेक्सीन लगाने की जानकारी ली

मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर वैक्सीनेशन कार्य की भी विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की। अपर मुख्य सचिव सुलेमान ने बताया कि शासकीय अस्पतालों में वैक्सीन नि:शुल्क लगाई जा रही है। प्राथमिकता वाले समूहों में निर्धारित वर्ग को पहले वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके अलावा निजी स्तर पर भी यह कार्य सशुल्क संपादित हो रहा है। मार्च माह में प्रदेश को एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन प्राप्त होने की आशा है। इसके अनुरूप ही निर्धारित प्राथमिकता ग्रुप्स और मापदंडों के अनुसार वैक्सीन नागरिकों को लगाई जाएगी।

कोरोना की वर्तमान स्थिति

बैठक में बताया गया कि देश में 13 हजार 123 और मध्यप्रदेश में 293 केस रिकवर हुए हैं। अस्पतालों के अधिकांश ऑक्सीजन और आईसीयू बेड खाली हैं। जो रोगी पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें करीब दो तिहाई घर पर ही उपचार लाभ ले रहे हैं। दाखिल होने वाले रोगियों की संख्या निरंतर कम हुई है। मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट 97.4 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय प्रतिशत 97.1 से अधिक है। प्रदेश में प्रति 10 लाख 68 हजार 305 टेस्ट किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में भी कुछ प्रकरण सामने आए हैं। इनमें बैतूल और छिंदवाड़ा में आज 14 -14 प्रकरण मिले हैं। बुरहानपुर में 8 प्रकरण मिले हैं। झाबुआ में 4, बड़वानी और खंडवा में 3-3 प्रकरण मिले हैं।

मध्यप्रदेश आगे है वैक्सीनेशन में

बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संपादित हो रहा है। प्रदेश में 3 लाख 56 हजार 812 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रथम डोज दिया जा चुका है। इसी तरह एक लाख 94 हजार 921 कार्यकर्ताओं को दूसरा डोज दिया जा चुका है। प्रदेश के 2 लाख 99 हजार 965 फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रथम डोज दिया जा चुका है। 45 से 59 वर्ष के विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त 3,696 व्यक्तियों को वैक्सिन लगाई जा चुकी है, जबकि प्राथमिकता आयु समूह के 60 वर्ष से अधिक के 38 हजार 270 नागरिकों को वेक्सीन लगाई जा चुकी है।