सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को आपराधिक मानहानि मामले में पांच महीने की कैद

दिल्ली की एक अदालत ने आज सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा दायर 23 साल पुराने आपराधिक मानहानि मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई।

अदालत ने मेधा पाटकर को वी के सक्सेना को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा दायर दो दशक से अधिक पुराने आपराधिक मानहानि मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई।

साकेत अदालत के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने 25 मई को पाटकर को भारतीय दंड संहिता की धारा-500 के तहत आपराधिक मानहानि के अपराध के लिए दोषी ठहराया था।

सक्सेना ने 2001 में एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्हें बदनाम करने के लिए सुश्री पाटकर के खिलाफ मामला दायर किया था। सक्‍सेना उस समय एक गैर सरकारी संगठन नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के अध्यक्ष थे। इस पर उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में एक स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

2002 में सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश पर मामला साकेत अदालत में स्थानांतरित किया गया था। अदालत ने पाटकर को दोषी ठहराते हुए कहा कि उनके कार्यकलाप दुर्भावनापूर्ण और जानबूझकर किये गये थे।