रायपुर :- गोधन न्याय योजना राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इससे स्व सहायता समूह को गावों में ही रहकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो रही है और इससे खेती किसानी को जैविक बनाने में सफलता मिल रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है यह कहना है रायपुर जिले के आरंग विकासखंड अंतर्गत चटौद गांव की सीता महिला संगठन की अध्यक्ष गीता वर्मा का।

वर्मा ने बताया कि उनके समूह में 20 सदस्य हैं। समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी खाद का उत्पादन करने के साथ केचुआं विक्रय और जैविक कीटनाशक बनाने जैसे कार्य किए जा रहे है।

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया गया है। संगठन की महिलाओं ने बताया कि वे कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर से भी सतत रूप से संपर्क बनाए रखती हैं। वर्मी खाद का पैकिंग कर उसे सोसाइटी के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है।

वर्मी कंपोस्ट के विक्रय से उन्हें 3 लाख 29 हजार की आय प्राप्त हुई है। केंचुआ के विक्रय से भी लगभग 3 लाख का शुद्ध लाभ अर्जित हुआ है। केंचुआ का विक्रय सभी विकासखंडों के गोठानों में किया गया। महिलाओं ने बताया कि अर्जित आय के उपयोग वे घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में लगा रही हैं।

कलेक्टर सौरभ कुमार एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में जिले के गौठानो को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना से भूमि की उर्वरा शक्ति और गुण्वत्ता में सुधार आ रहा हैं साथ ही पर्यावरण में सुधार और कृषि लागत में कमी भी हो रही है।