मालदीव के कई नेताओं ने अपने मंत्रियों की भारत विरोधी टिप्पणियों के बाद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव शुरू करने का आह्वान किया है
नई दिल्ली : मालदीव के कई संगठनों ने भारत के साथ मालदीव के संबंध सकारात्मक रखने का आह्वान किया है। उन्होंने निलंबित उपमंत्रियों के सोशल मीडिया पोस्ट और टिप्पणियों को गैर-जिम्मेदाराना बताया है।
मालदीव के नेशनल बोटिंग एसोसिएशन, मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री, नेशनल होटल्स एंड गेस्ट हाउस एसोसिएशन, मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स और एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स ऑफ मालदीव ने अपने बयान और विज्ञप्ति में मालदीव के निलंबित मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और महज़ूम माजिद की निंदा की है।
इन संगठनों ने कहा है कि भारत निकटतम और मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देश है जिसने संकट में सबसे पहले सहायता पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद भी मालदीव को उबारने में भारत ने काफी मदद की।
इस मुद्दे पर मालदीव सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। वहां कई नेताओं ने पूरी घटना को दुखद बताया है। कुछ नेताओं ने सरकार के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने सहित अन्य कार्रवाई की मांग भी की है।
पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू में कहा कि सत्तारूढ़ पीएमसी-पीपीएम गठबंधन में चरमपंथी तत्व मौजूद हैं। एमडीपी सांसद मिकाइल नसीम ने संसद से विदेश मंत्री मूसा ज़मीर और निलंबित मंत्रियों को पूछताछ के लिए बुलाने की मांग की है।