स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए माह में 10 दिन बिना बस्ते के स्कूल जाने की परिकल्पना के अनुरूप कार्य योजना बनायी गई है।

राज्य के प्रत्येक जिले में स्कूल बच्चों को स्थानीय कला का विशेष प्रशिक्षण देने के लिए 60-60 स्कूलों का चयन किया जाएगा।

स्कूली बच्चों को मूर्तिकला, चित्रकला, संगीत, लोक-नृत्य आदि का प्रशिक्षण देने के लिए स्थानीय स्तर पर इच्छुक कलाकारों की सेवाएं ली जाएंगी। स्थानीय सामुदाय और पालकों की सहमति पर स्कूली बच्चों को उनके द्वारा चयनित कला का प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा इसमें स्थानीय सामुदाय का भी सहयोग लिया जाएगा।