प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज संसद मार्ग स्थित नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे। नया भवन आत्मनिर्भर भारत की बुनियादी सोच का दर्पण होगा। आजादी के बाद पहली बार संसद निर्माण का यह शानदार अवसर है। नया संसद भवन वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नये भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा।
नया संसद भवन आधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल होगा। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की इमारत सुरक्षा सुविधाओं से युक्त होगी। लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी बढ़ोतरी की गई है। नए भवन की सज्जा भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प, वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिजाइन योजना में केन्द्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे।
नए संसद भवन के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा और पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक पुनरूद्धार के द्वार खुलेंगे। इसमें उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि और दृश्य श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, प्रभावी और समावेशी आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी।
भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा
नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा। देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे। नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल होगा। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है। नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिज़ाइन योजना में केन्द्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे।
लोकतंत्र और भारतवासियों के गौरव का प्रतीक होगा
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नया संसद भवन भारत के लोकतंत्र और भारतवासियों के गौरव का प्रतीक होगा जो न केवल देश के गौरवशाली इतिहास अपितु इसकी एकता और विविधता का भी परिचय देगा। वर्तमान संसद भवन का निर्माण प्रसिद्ध वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और सर हरबर्ट बेकर की निगरानी में किया गया था। इसकी आधारशिला 12 फ़रवरी 1921 को द डयूक ऑफ कनॉट ने रखी थी। भवन का उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी 1927 को किया था।
वर्तमान संसद भवन छह एकड़ में बना है
वर्तमान संसद भवन एक वृहत वृत्ताकार भवन है जिसका व्यास 560 फीट है। इसकी परिधि एक तिहाई मील है और इसका क्षेत्रफल लगभग छह एकड़ है। इसके प्रथम तल के खुले बरामदे के किनारे पर क्रीम रंग के बालुई पत्थर के 144 स्तम्भ लगे हुए हैं जिनकी ऊँचाई 27 फीट है। ये स्तम्भ इस भवन को एक अनूठा आकर्षण और गरिमा प्रदान करते हैं। पूरा संसद भवन लाल बालुई पत्थर की सजावटी दीवार से घिरा हुआ है जिसमें लोहे के द्वार लगे हुए हैं। कुल मिलाकर इस भवन में 12 द्वार हैं। वर्तमान संसद भवन का निर्माण छह वर्ष में पूरा हुआ और निर्माण पर 83 लाख रुपए की लागत आयी थी। सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली की पहली बैठक 19 जनवरी 1927 को संसद भवन में हुई थी।