प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा – भारत में शहरीकरण में निवेश के लिए शानदार अवसर
नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कोविड महामारी के बाद के दौर की दुनिया की ज़रूरतों का जायजा लेने का वक्त आ गया है। उन्होंने शहरों में नई जान फूंकने का भी आह्वान किया है। कल शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि जो शहर हमारे विकास के केंद्र माने जाते हैं, वे नाजुक इलाके भी बन सकते हैं।
महामारी के दौर में दुनिया भर में अनेक शहरों ने अपने आप को आर्थिक महामंदी के दौर के बाद की सबसे बुरी आर्थिक स्थिति में घोषित कर दिया। मोदी ने कहा कि शहरों को फिर से पटरी पर लाना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक हम अपनी सोच, प्रक्रियाओं और काम करने के तौर-तरीकों का फिर से निर्धारण नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री ने शहरों के सतत विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी शहरों की नदियों, झीलों और हवा को स्वच्छ बनाए रखने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।
मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान जहां दुनिया भर में अनेक शहरों में लॉकडाउन का विरोध हो रहा था, वहीं भारत के शहरों ने महामारी की रोकथाम के उपायों का अक्षरश: पालन कर अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि हमारे शहर विकास के जोरदार प्रेरक हैं और कोविड के बाद के विश्व का निर्माण हमारे शहरों और मूल संसाधनों के विकास से ही किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे शहर परिवर्तन के प्रेरक हैं और लोग शहरों में इसलिए आकर बसते हैं क्योंकि वे उन्हें रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने शहरीकरण, नवाचार और यातायात के क्षेत्र में निवेश की शानदार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि इन संभावनाओं के साथ-साथ हमारे यहां जीवंत लोकतंत्र, कारोबार के लिए अनुकूल माहौल, विशाल बाजार और भारत को वैश्विक निवेश का चहेता स्थान बनाने के लिए कृतसंकल्प सरकार भी तमाम कौशिशें कर रही है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने टेक्नोलॉजी और ज्ञान आधारित सेवा क्षेत्र के लिए सरलीकृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि लोग कहीं भी रहकर अपना काम कर सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थितियों के बीच एनडीए सरकार ने किफायती दर पर किराए के आवास उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की और रिअल एस्टेट के विनियम के लिए कानून बनाया।
मोदी ने कहा कि इससे देश में भू-सम्पत्ति के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन आया है और यह ग्राहकों के प्रति अधिक संवेदनशील और पारदर्शी हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से देश में परिवहन प्रणालियों के क्षेत्र में स्वदेशी क्षमता का जबरदस्त विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे देश के सतत परिवहन विकास लक्ष्यों को बड़े पैमाने पर पूरा किया जा सकेगा।