लोकसभा ने 127 वें संविधान संशोधन विधेयक को दो-तिहाई बहुमत से पारित कर दिया

नई :- लोकसभा ने संविधान 127वां संशोधन विधेयक, 2021 उपस्थित सदस्‍यों के दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया है। संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण इस पर मत विभाजन कराना अनिवार्य था।

इस विधेयक में अन्‍य पिछड़ा वर्ग की अपनी सूची बनाने के लिए राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों की शक्ति बहाल करने का प्रावधान है। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्‍टर विरेन्‍द्र कुमार ने विधेयक प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि इससे राज्‍यों को अन्‍य पिछड़ा वर्ग की अपनी सूची तैयार करने का अधिकार मिलेगा।

उन्‍होंने कहा कि इस विधेयक से देश की संघीय संरचना मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। डॉक्‍टर कुमार ने अन्‍य पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

विधेयक पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अन्‍य पिछड़ा वर्ग समुदाय के हित में विपक्ष विधेयक का समर्थन करता है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि सरकार उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड के विधानसभा चुनावों को ध्‍यान में रखते हुए यह विधेयक लाई है। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा अन्‍य पिछड़ा वर्ग के उत्‍थान के लिए सबसे आगे रही है। उन्‍होंने पेगासस जासूसी के सम्‍बंध में सरकार पर प्रश्‍न उठाते हुए कहा कि अन्‍य देशों की तरह सरकार ने इसकी जांच क्‍यों शुरू नहीं कराई। चौधरी ने कहा कि कईं राज्‍य आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाना चाहते हैं। उन्‍होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके सामाजिक आंदोलन के कारण आरक्षण का प्रावधान किया गया। उन्‍होंने कहा कि समाज के उत्‍थान के लिए आरक्षण सकारात्‍मक कार्रवाई है।

भारतीय जनता पार्टी की संघमित्र मौर्य ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने आरक्षण रद्द करने के लिए नीट का प्रावधान किया। उन्‍होंने कहा कि नीट एन०सी०ई०आर०टी के पाठ्यक्रम पर आधारित है और गरीब विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम को नहीं पढ़ते। उन्‍होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि लोगों ने उन्‍हें अस्‍वीकार कर दिया है और इसलिए वह चुनावों में पराजित हो रही है। उन्‍होंने अन्‍य पिछड़ा वर्ग को सर्वोच्‍च प्रतिनिधित्‍व देने के लिए मंत्रिमंडल की सराहना की।

डीएमके नेता टी आर बालू ने आरक्षण की अधिकतम सीमा को हटाने का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने यह विधेयक लाने के लिए सरकार को धन्‍यवाद भी दिया। बालू ने आरक्षण का इतिहास याद कराते हुए कामराज और नेहरू के योगदान का उल्‍लेख किया। बालू ने कहा कि वी पी सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिश लागू की और इस तरह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू हुआ।

विधेयक का समर्थन करते हुए तृणमूल कांग्रेस के कल्‍याण बनर्जी ने कहा कि संविधान असमानता दूर करने का साधन है।

समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने विधेयक का समर्थन करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने आरक्षण की अधिकतम सीमा नहीं हटाई है।

बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडेय ने विधेयक का समर्थन किया, लेकिन उन्‍होंने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि ज्‍यादातर नौकरियां अनुबंध पर या निजी क्षेत्र में है, इसलिए यह आश्‍चर्य की बात है कि आरक्षण कहां लागू होगा।

एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने 2011 की जाति जनगणना के अनुभव और अनुसंधान पर आधारित आंकड़े उपलब्‍ध कराने के लिए सरकार का आभार प्रकट किया। उन्‍होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि आरक्षण की अधिकतम सीमा हटाने पर विचार किया जाए।

श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्‍द्र यादव ने कांग्रेस को याद दिलाया कि उसने काका कालेलकर आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की थी। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने अन्‍य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए कुछ नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाई।