कवर्धा : भोरमदेव अभ्यारण और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के सीमावर्ती क्षेत्रों में बारहसिंघा के लिए आवास और नैसर्गिक प्रजनन क्षेत्र विकसित करने पर विशेष जोर भोरमदेव अभ्यारण का मैनेजमेंट प्लान वर्ष 2020-21 से 2029-30 शीघ्र ही लागू होगा

वनमंत्री श्री अकबर ने निर्देश पर प्रधान मुख्य वन संरक्षणव मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक ने भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र का सघन दौरा किया

कवर्धा, 24 अक्टूबर 2020/  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप व वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने निर्देश पर वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) श्री पी.वी. नरसिंगराव ने कबीरधाम जिले के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण का कार्य प्रगति का जायजा लेने निरीक्षण किया।

वन विभाग द्वाराछत्तीसगढ़ के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण और मध्य प्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्य प्राणी बारहसिंघा के लिए उपयुक्त आवास और नैसर्गिक प्रजनन क्षेत्र की संभावना की दृष्टि से खरपतवार उन्मूलन, स्थाई घास मैदान और पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा विकसित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री पीवी नरसिंगराव ने निरीक्षण के दौरान भोरमदेव अभ्यारण की तरफ से सीमावर्ती क्षेत्र में स्पष्ट रूप से मुनारा से 10 मीटर अग्नि सुरक्षा रेखा के साथ-साथ सीमांकन का सुझाव वन मंडलाधिकारी को दिया गया।

भोरमदेव अभ्यारण के निरीक्षण व अवलोकन के दौरान श्री नरसिंगराव के साथ जिले के वनमंडलाधिकारी श्री दिलराज प्रभाव व वन विभाग के अन्य अधिकारी व अमले विशेष रूप से उपस्थित थे।

क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान उन्होने स्थाई संपत्तियों के रखरखाव के निर्देश क्षेत्रीय अधिकारियों को दिए। शाकाहारी वन्य प्राणियों के लिए अभ्यारण में स्थाई घास के मैदान विकसित करने का मार्गदर्शन दिया गया।

वर्तमान में अभ्यारण में उपलब्ध विभिन्न घास प्रजातियों के बीज इकट्ठा कर उनको नर्सरी के माध्यम से या सीधे तौर पर घास मैदानों में लगाने के निर्देश दिए गए। निर्माण कार्यों के अंतर्गत बनाए गए रपटा, साल्ट लिक, स्टॉप डैम, मिट्टी और मुरुम के बने वन मार्गों का भी निरीक्षण किया गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक के इस दौरे में उनके साथ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी), श्री अरुण पांडे, कवर्धा वनमंडलाधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर, परिविक्षाधीन आईएफएस अधिकारी गणेश.आर., प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक योगेश साहू, मनोज कुमार शाह अधीक्षक भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण, देवेंद्र गोंड वन परिक्षेत्र अधिकारी भोरमदेव अभ्यारण अभ्यारण, गेम गार्डस तथा अन्य क्षेत्रीय वन अमला उपस्थित थे।

भोरमदेव अभ्यारण का मैनेजमेंट प्लान वर्ष 2020-21 से 2029-30 शीघ्र ही लागू होगा

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री पी.वी. नरसिंगराव ने भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण के प्रबंधन और वन्य प्राणी संरक्षण और क्षेत्र विकास से संबंधित आगामी 10 वर्ष के लिए प्रबंधन आयोजना के लिए भी विस्तृत रूप से मौके पर उपस्थित वन अधिकारियों और कर्मचारियों को मार्गदर्शन दिया।

वनमंत्री श्री अकबर के मंशा के अनुरूप आने वाले वर्षों में अभ्यारण में वन्य प्राणियों के संरक्षण के दृष्टिकोण से फलदार पौधों का वृक्षारोपण और अभ्यारण के प्रत्येक ढाई स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में कम से कम एक पीने के पानी की संरचना की व्यवस्था, वन अमला द्वारा पैदल गस्त, निर्धारित स्थलों पर पेट्रोलिंग कैंप, संवेदनशील जगहों पर वॉच टावर का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए वन कर्मचारियों को निर्देश दिया गया।

अभ्यारण में तितली के संरक्षण के लिए प्रयास

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री पी.वी. नरसिंगराव ने भ्रमण के दौरान भोदमरदेव अभ्यारण में पाई जाने वाली तितलियों के विभिन्न प्रजातियों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।

उन्होने भोरमदेव अभ्यारण में पाई जाने वाली 90 से ज्यादा प्रजातियों की तितलियों के लिए नेक्टर, होस्ट प्लांट, पडलिंग का क्षेत्र विकास के साथ-साथ उनका डॉक्यूमेंटेशन करने का निर्देश दिया।

वनमंडलाधिकारी श्री प्रभाकर ने बताया कि भोरमदेव अभ्यारण में तेंदुआ,गौर या बायसन, भालू, नीलगाय, जंगली सूअर, सांभर, चीतल, सोन कुत्ता, वर्किंग डियर, उड़न गिलहरी, भेड़िया, सियार बहुतयात संख्या में पाए जाते है।

इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयास भोरमदेव अभ्यारण में जीप सफारी के लिए बांधा, जामुनपानी तथा चिल्फी की तरफ से तीन ट्रैक वन विभाग द्वारा पूर्व में निर्धारित किए गए हैं।

                                               इन मार्गों की मरम्मत कर आगामी सीजन में पर्यटकों के लिए प्रारंभ करने के प्रयास वन विभाग द्वारा किए जाएंगे।