मैन्युअल मुद्रलेखन की बजाए अब कम्प्यूटर से होगी परीक्षा
रायपुर :- राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ शीघ्रलेखन मुद्रलेखन परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित की जाने वाले आगामी वर्षो में शीघ्रलेखन के लिप्यांतरित अवतरण (आलेख) को कम्प्यूटर से मुद्रलेखन किए जाने मैन्युअल मुद्रलेखन के बजाए कम्प्यूटर पर कराए जाने के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
छत्तीसगढ़ शीघ्रलेखन मुद्रलेखन परीक्षा परिषद द्वारा इस संबंध में कम्पयूटर के माध्यम से परीक्षा लिए जाने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि शीघ्रलेखन मुद्रलेखन परीक्षा परिषद द्वारा परिषद के गठन वर्ष 2003 से अद्यतन हिन्दी, अंग्रेजी मुद्रलेखन तथा शीघ्रलेखन की परीक्षाएं प्रतिवर्ष दो बार टाईपराईटर (मैन्युअल) मशीन के द्वारा आयोजित की जाती रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर द्वारा सीधी भर्ती के लिए शैक्षणिक अर्हताओं में संशोधन अनुसार शीघ्रलेखन, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, स्टेनोटायपिस्ट एवं सहायक ग्रेड-3 के लिए शैक्षणिक अर्हता का पुनर्निधारण किया गया है, जिसके कारण अब प्रदेश स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा सीधी भर्ती के पदों के लिए कम्प्यूटर में पारंगतता प्रमाण पत्र चाहा जाता है एवं कम्प्यूटर दक्षता स्पीड टेस्ट प्रमाण-पत्र किसी भी संस्था द्वारा नहीं दिया जाता। ऐसी स्थिति में आगामी वर्षो में मैन्युअल पद्यति के स्थान पर कम्प्यूटर दक्षता स्पीड टेस्ट 5000, 8000 तथा 10000 की गति से की-इंम्प्रेशन-डिप्रेशन परीक्षा आयोजित किए जाने की पूर्ण रूप से मंशा बना ली गई है।
चूंकि वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर द्वारा केवल शीघ्रलेखन लिप्यांतरित आलेख को कम्प्यूटर पर मुद्रित कराने की सहमति प्रदान की गई है। जिस प्रकार शीघ्रलेखन परीक्षा के लिए सहमति दी गई उसी अनुरूप शासन द्वारा संशोधित शैक्षणिक योग्यता अनुसार मुद्रलेखन की स्पीड टेस्ट परीक्षा की शासन स्वीकृति प्राप्त होते ही परिषद द्वारा कम्प्यूटर के माध्यम से हिन्दी-अंग्रेजी मुद्रलेखन तथा हिन्दी-अंग्रेजी शीघ्रलेखन की परीक्षाओं का भी आयोजन किया जाएगा।
आयुक्त लोक शिक्षण कमलप्रीत सिंह ने इस संबंध में जिला कलेक्टरों से कहा कि परिषद द्वारा पूर्व वर्षानुसार मैन्युअल टायपिंग मशीन से परीक्षा के स्थान पर अब कम्प्यूटर की-इंम्प्रेशन-डिप्रेशन दक्षता (स्पीड टेस्ट) परीक्षा लिए जाने के लिए प्रदेश स्तर पर संचालित शासकीय, अशासकीय- महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई.), हाईस्कूल-हायर सेकेण्डरी स्तर के विद्यालयों, प्रायवेट, अनुदान प्राप्त विद्यालयों, एम.आई.एस. सेन्टर्स अथवा अन्य ऐसे प्रायवेट संस्थान जहां अधिकतम संख्या में कम्प्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध हो की जानकारी प्राप्त किया जाना आवश्यक है।
अतः इसके लिए जिला कलेक्टर जिला अंतर्गत संचालित शासकीय, अशासकीय अथवा प्रायवेट संस्थान है, जहां अधिकतम संख्या में कम्प्यूटर सिस्टम मय-प्रिंटर तथा यू.पी.एस.की सुविधा सहित चालू स्थिति में हो, से संबंधित जानकारी एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से परिषद कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें ताकि परिषद द्वारा कम्प्यूटर परीक्षा लिए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही तथा परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या के अनुसार परीक्षा केन्द्र बनाए जाने में सुविधा उपलब्ध हो सके।