भारत और उज्बेकिस्तान के बीच बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा- दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खडे हैं; कई समझौते होने की संभावना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के बीच आज वर्चुअल शिखर बैठक हो रही है। मध्य एशिया के किसी देश के साथ यह भारत की पहली द्विपक्षीय शिखर बैठक है।
इसमें दोनों नेताआों के बीच कोविड महामारी के बाद के दौर में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच सहयोग बढ़ाने सहित द्विपक्षीय संबंधों के तमाम पहुलओं पर चर्चा हो रही है। बैठक में आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुददों पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है।
बैठक की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं जिनके बीच प्राचीन समय से सम्पर्क बना हुआ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय चुनौतियों और संभावनाओं की समझ के बारे में दोनों देशों की सोच में काफी समानता है।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रगाढ संबंध हैं। उन्होंने कहा कि उग्रवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद के बारे में भारत और उज्बेकिस्तान की चिंताएं समान हैं। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खडे हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा से जुडे मुददों पर भी दोनों देशों की नीतियों में काफी समानता हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देश अफगानिस्तान में एक ऐसी शांति बहाली प्रक्रिया चाहते हैं जो पूरी तरह से अफगानिस्तान के नेतृत्व और नियंत्रण में हो। उन्होने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान ने मिलकर भारत मध्य एशिया संवाद की पहल की है।
सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
हाल के वर्षों में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय विचार-विमर्श होता रहा है। 2015 और 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान का दौरा किया था। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति मिर्जियोयेव 2018 और 2019 में भारत यात्रा पर आए थे। इन यात्राओं से दोनों देशों की सामरिक साझेदारी में नई गति आयी थी।