स्वास्थ्य मंत्री  सिंहदेव विगत 7 मार्च को कोरोना संक्रमित होने के बाद 23 मार्च तक 17 दिनों के होम आइसोलेशन में थे। होम आइसोलेशन की अवधि के खत्म होने के बाद आज पहले ही दिन उन्होंने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की व्यवस्थाओं और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की मैराथन समीक्षा की।

उन्होंने बैठक में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में उपलब्ध सुविधाओं, होम आइसोलेशन व्यवस्था, विभागीय भर्ती, पदोन्नति, प्रशिक्षण, परिवार कल्याण से संबंधित कार्यक्रमों और सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Service Corporation) के कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै, आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी बैठक में मौजूद थीं।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने रोजाना ज्यादा आवाजाही वाले शहरों एवं जिलों में कोरोना नियंत्रण पर विशेष जोर देने कहा। राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर जिले में महाराष्ट्र से या वहां से होकर बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन आना-जाना करते हैं। इन तीनों ही जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

उन्होंने कोविड-19 के गंभीर संक्रमितों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने पर्याप्त संख्या में आक्सीजन सुविधा, आईसीयू और एचडीयू बिस्तरों का इंतजाम करने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 87 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए पहला टीका और 55 प्रतिशत को दूसरा टीका लगाया जा चुका है। वहीं 82 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहला और 39 प्रतिशत को इसकी दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक के पांच लाख 54 हजार 934 नागरिकों को तथा 45 वर्ष से 59 वर्ष तक के एक लाख 40 हजार 524 कोमोरबिडिटी पीड़ितों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है। अभी प्रदेश भर में 1200 से अधिक जगहों पर कोरोना के टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें 1069 शासकीय और 132 निजी क्षेत्र के अस्पताल हैं।

प्रदेश में अभी सरकारी और निजी क्षेत्र को मिलाकर रोजाना कोविड जांच की क्षमता 40 हजार है। इनमें तीनों तरह की जांच आरटीपीसीआर, ट्रूनाट और रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल हैं। विगत सप्ताह 15 मार्च से 21 मार्च के दौरान प्रतिदिन औसत 35 हजार 984 सैंपलों की जांच की गई है। ज्यादा से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए जांच की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। 23 मार्च को कुल 39 हजार 619 सैंपलों की जांच की गई है। कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अभी प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों तथा कोविड केयर सेंटरों में 16 हजार 383 बिस्तर उपलब्ध हैं। इनमें 2621 आक्सीजन सुविधा वाले, 746 एचडीयू और 965 आईसीयू बिस्तर शामिल हैं।