जगदलपुर :- 11 फरवरी को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने अपने तीन दिवसीय बस्तर प्रवास के दूसरे दिन चित्रकोट पहुंची और भारत के नियाग्रा के तौर पर प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के सौन्दर्य को निहारा। बस्तर के दूसरे और चित्रकोट के प्रथम प्रवास के दौरान स्थानीय लोक नर्तकों ने गौर नृत्य,गेड़ी नृत्य आदि के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने बस्तर को चित्रकोट जलप्रपात के रुप में प्राप्त इस प्राकृतिक धरोहर के साथ ही यहां लोकनृत्यों के माध्यम से अपनी संस्कृति को सहजने का कार्य कर रहे लोक नर्तकों की जमकर प्रशंसा की। उनके साथ इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार भी साथ उपस्थित थे।

सुश्री उइके ने यहां दरभा विकासखण्ड के छिंदगुर के सामू, चैतूराम, फुलसिंह और लखमू को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के हर्राकोड़ेर में गौठान और चारागाह के लिए सामुदायिक वन अधिकार पत्र तथा चित्रकोट और गढ़िया में सामुदायिक वन संसाधन के लिए अधिकार पत्र प्रदान किया।

राज्यपाल ने यहां विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों में पहुंचकर विकास कार्यों और विभागीय योजनाओं को देखा। उन्होंने वन विभाग के माध्यम से साल वृक्ष में उत्पन्न होने वाली रैली कोसा का धागाकरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषण अभियानों की प्रशंसा की।