सरकार पंडोरा पेपर लीक मामले की जांच सीबीडीटी अध्‍यक्ष की अगुवाई में बहु-एजेंसी समूह से कराएगी

नई दिल्ली :- सरकार ने आज कहा कि पेंडोरा पेपर्स लीक मामलों की जांच की जाएगी और ऐसे मामलों में कानून के अनुसार समुचित कार्रवाई की जाएगी।

वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया में पेंडोरा पेपर्स के नाम से बताए जा रहे पेंडोरा पेपर्स लीक के मामलों की बहु-एजेंसी समूह द्वारा नजर रखी जाएगी। इस समूह की अध्‍यक्षता केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड करेगा। इसमें केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्‍तीय खुफिया एकक के प्रतिनिधि होंगे।

मंत्रालय ने कहा है कि इन मामलों में प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के मद्देनजर सरकार संबंधित करदाताओं और कंपनियों के बारे में सूचना प्राप्‍त करने के लिए विदेशी कार्य क्षेत्र के साथ सक्रिय रूप से सम्‍पर्क करेगी।

भारत सरकार उस अंतर सरकार समूह में शामिल है, जो ऐसे लीक के मामलों से संबंधित कर जोखिम के प्रभावी समाधान से सहयोग और अनुभव साझा करना सुनिश्चित करेगी।

वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया में अब तक कुछ भारतीयों के नाम सामने आए हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय जनर्लिस्‍ट वेबसाइट के अंतर्राष्‍ट्रीय परिसंघ ने हालांकि अभी नाम और कंपनियों के अन्‍य विवरण जारी नहीं किए हैं।

आईसीआईजे वेबसाइट में सुझाव दिया गया है कि सूचना विभिन्‍न चरणों में जारी की जाएगी और पेंडोरा पेपर्स जांच से संबंधित स्‍ट्रक्‍चर्ड डेटा इसके ऑफशोर लीक डेटाबेस के दिनों में ही जारी किया जाएगा।

वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि आईसीआईजे, एचएसबीसी, पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के पहले के इसी प्रकार के लीक के मामलों के लिए सरकार ने कालाधन (अघोषित विदेशी आय और सम्‍पत्ति) और कर कानून 2015 को लागू करने के पहले ही कानून बनाए हैं, जिनका उद्देश्‍य काले धन को रोकना है।

मंत्रालय ने बताया कि पनामा और पैराडाइज पेपर्स जांच में  20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अघोषित ऋण का पता चला है।