गूगल ने डूडल बनाकर पीएल देशपांडे को याद किया है, आज 101वीं जयंती
गूगल ने आज खास डूडल बनाकर पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे को याद किया है। आज इनकी 101वीं जयंती है। इस गूगल डूडल को मुंबई के एक आर्टिस्ट समीर कुलावूर ने तैयार किया है।
एक लेखक, संगीतकार, वादक, एक्टर, डायरेक्टर और सामाजिक कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले गूगल डूडल की इस तस्वीर में हारमोनियम बजाते नजर आते हैं। महाराष्ट्र के लाडले व्यक्तित्व में से एक पीएल देशपांडे का साहित्य अंग्रेजी और कन्नड़ समेत कई भाषाओं में मौजूद है।
पीएल देशपांडे पर गूगल डूडल बनाने वाले कुलावुर के अनुसार के अनुसार, ‘मुंबई/महाराष्ट्र में जन्म और पालन-पोषण होने के कारण का नाम लगातार आता रहता है। खासकर संगीत, लेखन, फ़िल्में, थिएटर, साहित्य आदि के क्षेत्र में वे अक्सर चर्ता में आते हैं। उनमें जीवन की हर छोटी-बड़ी बात को गहराई से देखने की क्षमता थी, और कोई भी अपने साहित्यिक कार्यों में इसे देख सकता है। एक बहुत लोकप्रिय मराठी गीत है जिसे हमने स्कूल में सुना था- ‘नाच रे मोरा’- मुझे बहुत बाद में पता चला कि कि गीत की रचना उन्होंने की थी।
पीएल देशपांडे का जन्म 8 नवंबर 1919 को मुंबई में हुआ था। उनके परिवार का साहित्य से लगाव पुराना था। दूसरे शब्दों में कहें तो पीएल देशपांडे को साहित्य विरासत में मिला था। उनके दादा ने रवींद्रनाथ टैगोर की ‘गीतांजलि’ का मराठी में अनुवाद किया था।
पुरुषोत्तम देशपांडे बहुत हंसी-मजाक और व्यंग्य करने वाले शख्स थे। उनकी लेखन में भी यही प्रवाह नजर आता था। देशपांडे ने दूरदर्शन में भी काम किया और वह पहले शख्स थे जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू का इंटरव्यू लिया था। बाद में इंदिरा गांधी के दौर में इमरजेंसी लगाए जाने के वे मुखर आलोचक बने और जयप्रकाश नारायण की ‘मेरी जेल डायरी’ का मराठी में अनुवाद भी किया।