दत्तक ग्रहण के संबंध में सामान्य जानकारी

गरियाबंद 16 अक्टूबर 2020/दत्तक ग्रहण, अनाथ, परित्यक्त और अभ्यर्पित बालकों के लिये कुंटुंब के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया कानूनी प्रावधान है। जिसके अनुसार एक नातेदार से दूसरे नातेदार द्वारा किसी बालक का दत्तक ग्रहण धर्म को विचार में लाये बिना, दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया कानूनी नियमानुसार से किया जा सकता है। पारिवारिक अधिकार सुनिश्चित कराने के लिये किशोर न्याय (बालकों की  देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 56 में दत्तक ग्रहण का प्रावधान किया गया है, भावी दत्तक माता-पिता को दत्तक बालक/बालिका लेने के लिये शारीरिक, आर्थिक, मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए। दत्तक लेने वाले अभिभावक पालक सजायाप्ता एवं दिवालिया न हो। कोई भी महिला बालक/बालिका दोनो को दत्तक ले सकती है। लेकिन कोई भी एकल पुरूष बालिका को दत्तक में नही ले सकता है। दत्तक ग्रहण के लिये विधिवत आनलाईन प्रक्रिया है। जो भी अभिभावक बच्चे गोद लेना चाहते है वे डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डाॅट सीएआरए डाॅट एनआईस डाॅट इन पर जानकारी या संयुक्त जिला कलेक्टर कार्यालय, कक्ष क्रमांक-57 व 68 पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं न्यायालय, बाल कल्याण समिति से अधिक जानकारी ली जा सकती है।