15 साल से नहर में नहीं आया पानी और मगर मेंटेनेंस के नाम पर करोडों के टेंडर हो गए; कलेक्टर ने रुकवाया काम

* जिले के भोपाल पट्‌टनल इलाके के जिला पंचायत सदस्य ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
* अधिकारियों के पास भी नहीं कोई जवाब, किसान पानी को तरसे तो जिम्मेदारों ने भरी जेबें

बीजापुर:– जिले में 2005 में किसानों को पानी देने के मकसद से एक नहर बनाया गया था। आज 15 सालो के बाद अब इस नहर को लेकर जो तथ्य उजागर हो रहे हैं, वो भ्रष्टाचार की नदी बहाने की दास्तान बताती है। 15 साल में इस नहर से पानी किसानों तक पहुंचा ही नहीं और इसके मेंटनेंस के नाम पर करोड़ों के टेंडर हो गए और ठेकेदारों ने गुणवत्ताहीन काम भी शुरू कर दिया। भोपाल पटटनम के जिला पंचायत सदस्य बसंत टाटी ने रविवार को इस नहर के प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप लगाया।
बसंत टाटी ने बताया कि इस नहर में 1200 मीटर की रिटर्निंग वॉल बनाने का काम हो रहा है, जबकि पहली प्राथमिकता तो पानी गांवों तक पहुंचाना होना चाहिए। अर्जुनल्ली गांव में बनी इस नहर के दोनों किनारों पर 5 फीट की दीवार बनाई जानी थी, वर्तमान में महज 150 मीटर में ही काम हुआ, वो भी डेढ़ फीट की दीवार खड़ी करने का।
जिला पंचायत केे मुख्य कार्यपालन पोषण चंद्राकर ने बताया कि इस नहर से जुड़ी शिकायतें मिली हैं और इस प्रकरण की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है, जिसमे 3 इंजीनियर , जिला पंचायत अध्यक्ष एवम उपाध्यक्ष शामिल हैं। इसे नहर से जुड़े काम के लिए मुख्य एजेंसी जल संसाधन विभाग को बनाया गया था।
जल संसाधन विभाग के EE जेपी सुमन से बात करने पर पता चला कि इस नहर पर दीवार बनाने के लिए विभाग ने लगभग 1 करोड़ 5 लाख का काम जारी किया था। 1200 मीटर की दीवार के प्रोजेक्ट में लगभग 150 मीटर का अधूरा काम ही हो पाया, मगर 85 लाख रुपयों का भुगतान कर दिया गया। अधिकारी ने दावा किया कि निर्माण से जुड़ी सामग्री लेने के लिए रुपए दिए गए, मगर जहां प्रोजेक्ट पर काम किया जाना था, वहां कोई सामान नहीं था। बसंत टाटी ने बताया कि इतना बड़ा भुगतान कई सवाल खड़े कर रहा है।
जिले के कलेक्टर रितेश अग्रवाल के अनुसार वह कुछ समय पूर्व अर्जुनल्ली सिंचाई योजना का कार्य देखने मौके पर गए थे। उन्होंने बताया कि नहर के दोनों किनारों में बन रही रिटर्निंग वॉल की उपयोगिता समझ नहीं आई। इस वजह से उन्होंने काम रोकने के निर्देश दिए।