शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा–देश 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैश्विक क्षमता का निर्माण कर रहा है
नई दिल्ली :- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि भारत 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैश्विक सामर्थ्य विकसित कर रहा है। प्रधान ने पांचवी पूर्व एशिया शिक्षा मंत्री शिखर बैठक को वीडिया कांफ्रेंस के माध्यम से सम्बोधित करते हुए भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साझा किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की सार्वभौमिकता, समानता, लचीलापन और प्रौद्योगिक आधारित सीख, शिक्षा पर मनीला कार्ययोजना के सिद्धांतों के अनुरूप हैं। उन्होंने पीएम-ईविद्या, स्वयं और दिशा जैसे डिजिटल हस्तक्षेप का भी उल्लेख किया, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान पठन पाठन जारी रखने को सुनिश्चित बनाया।
प्रधान ने कहा कि भारत शिक्षा और दक्षता को अधिक समावेशी, वहनीय, समान, आकांक्षापूर्ण बनाने में सार्थक भागीदारी विकसित करने के लिए वचनबद्ध है।