कलेक्टर वर्मा ने जिला स्वास्थ्य समिति के विभागीय कार्यों की समीक्षा सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले मरीजों का चिन्हांकन कर जांच में बढ़ोत्तरी लाना है
गर्भवती माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के
लिए सुघ्घर बुधवार कार्यक्रम
टीकाकरण, टीवी, मलेरिया, स्वास्थ्य जांच की
सुविधाएं लोगों मिलती रहे
राजनांदगांव 10 नवम्बर 2020। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति के विभागीय कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिले में कोरोना पाजिटिव केस की संख्या में कमी आई है लेकिन अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि घर-घर सर्वे के माध्यम से सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले मरीजों का चिन्हांकन कर जांच में बढ़ोत्तरी लाना है। इसके लिए अधिक से अधिक सैम्पल लिया जाना चाहिए। कोरोना के प्रोटोकाल का पालन करने लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। यदि कोई पाजिटिव आते हैं तो वे अपने साथ अपने परिवार और समाज में संक्रमण फैला सकता हैं। इसलिए इसकी पहचान कर आइसोलेट किया जाना जरूरी है।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि कोरोना के साथ ही हेल्थ के अन्य क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत है। टीकाकरण, टीवी, मलेरिया, स्वास्थ्य जांच तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जो कार्य किए जाने है वे प्रभावित नहीं होना चाहिए। लोगों को लगातार बेहतर स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
कलेक्टर वर्मा ने ट्रूनॉट सैम्पल, एंटीजन सैम्पल, आरटीपीसीआर सैम्पल कलेक्शन, एएनसी रजिस्टे्रशन, एचबी टेस्ट, संस्थागत प्रसव, घर में प्रसव, लिंगानुपात जन्म दर, कम वजन वाले बच्चे, गर्भापात एवं एमटीपी, विटामिन-के, बीसीजी टीका, एचआईवी टेस्ट, आईएमआर, एमएमआर तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों की समीक्षा की।
जिला पंचायत सीईओ तनुजा सलाम ने कहा कि कोविड-19 की जागरूकता के लिए अधिक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। गांव तथा निगम क्षेत्रों में वॉल राईटिंग, मुनादी तथा अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाए। मास्क, सोशल डिस्टेसिंग तथा हाथ लगातार सेनेटाईज करते रहे। इसके लिए सभी को लगातार कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि सभी बीएमओ की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक सर्वे कर लक्षण वाले मरीजों की पहचान करें तथा उनके सैम्पल लेकर जांच करें।
मुख्य चिकित्स एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि सर्वे के दौरान लक्षण वाले मरीजों की पहचान होने पर 24 घंटे के भीतर जांच होनी चाहिए। जितनी जल्दी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जांच होगी उनका तत्काल इलाज प्रारंभ किया जा सकेगा। जिन गांवों में कोरोना से मृत्यु हुई है वहां गंभीरता से घर-घर सर्वे होना चाहिए। सभी गांवों में टीम बनाकर सर्वे कार्य में तेजी लाएं।
उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव प्राइमरी संपर्क में आने वाले व्यक्तियों का अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर या ट्रूनॉट सैम्पल लिया जाए। जिले के सभी विकासखंडों के बीएमओ को सैम्पल कलेक्शन के लिए लक्ष्य दिया गया है उन लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें। 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों पर अधिक ध्यान रखा जाए तथा उन्हें समय-समय पर दवाईयां उपलब्ध कराई जाए।
डॉ. चौधरी ने कहा कि सुघ्घर बुधवार कार्यक्रम प्रारंभ किया जाना है सभी इसकी तैयारी कर लें। इसमें गर्भवती माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जानी है। उन्होंने सभी बीएमओ और डॉक्टर की टीम को कार्य करने कहा है। इस अवसर पर डीपीएम गिरीश कुर्रे, बीएमओ तथा डॉक्टर की टीम उपस्थित थे।