छत्तीसगढ़ के सांसद ने दिल्ली की बैठक में उठायी बस्तर की बातें

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के अध्यक्षता में नई दिल्ली मे जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी बैठक में बस्तर सांसद दीपक बैज ने बस्तर के हित के मुद्दों को कमेटी के समक्ष प्रमुखता से रखें।

बस्तर में माइनिंग का भंडारण प्रचुर मात्रा में है,पिछले कई दशकों से NMDC के द्वारा देश -विदेशों में (निर्यात) भेजा जा रहा है। ट्राइबल क्षेत्र होने के कारण नौकरी में आरक्षण देते हुए और भर्ती नियमो में बदलाव करते हुए स्थानीय को प्राथमिकता दिया जाना चाहिये ,वर्तमान में ऑल इंडिया लेवल पर भर्ती किया जा रहा है। स्थानीय व प्रभावित लोगों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है ,विभाग इस बात को संज्ञान में ले।

डिमर्जर का मामला उठाते हुए कहा कि बस्तर के आदिवासियों ने नगरनार प्लांट के लिए अपनी जमीन बस्तर के विकास और प्रभावितों रोजगार मिलेगा सोच कर दी है। मोदी सरकार के डिमर्जर का निर्णय लेने से बस्तर के सपनो को गहरा धक्का लगा है। बस्तर क्षेत्र में 5 वी अनुसूची लागू होने से डिमर्जर के लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों की सहमति लिया जाना चाहिये। विभाग इस बात को भी संज्ञान लेकर कार्यवाही करें।

माइनिंग से होने वाले लाभ से मिलने वाले CSSR राशि मे केंद्र सरकार वृद्धि करे, जिससे बस्तर व दंतेवाड़ा जैसे अन्य पिछड़े जिलो में शिक्षा स्वास्थ्य तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं को अंतिम छोर तक पहुँचाया जा सके।

इसके साथ ही वनोपज के समर्थन मूल्यों को केंद्र सरकार बढ़ाये। बस्तर के आदिवासियों के जीविकोपार्जन हेतु वनोपज पर ही मुख्य रूप से आश्रित होते है, इसलिए वनोपज का समर्थन मूल्य बढ़ाने पर उनका जीवन स्तर में सुधार होगा।

बस्तर सांसद दीपक बैज ने इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण बस्तर हित से जुड़े मामलों को जनजातीय मंत्रालय के स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष रखते हुए विभाग के द्वारा उक्त सभी मामलों को संज्ञान में लेकर स्थानीय व प्रभावित आदिवासियों के हित में कार्यवाही करने की बात रखी।