केन्द्र सरकार ने असम में कार्बी आंगलांग शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये

नई दिल्ली :- ऐतिहासिक कार्बी आंगलांग समझौते पर कल नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि कार्बी आंगलांग समझौता कार्बी क्षेत्र और असम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।पांच से अधिक संगठनों के लगभग एक हजार कैडर ने हथियार डालकर मेनस्‍ट्रीम में आने की शुरूआत कर ली है। उनके पुनर्वासन के लिए असम सरकार और भारत सरकार पूर्णत: कटिबद्ध है।

जो हथियार छोड़कर आता है उसके साथ आने वाले से भी ज्‍यादा विनम्रता से बातचीत करके, जो वो मांगते हैं उससे भी ज्‍यादा देकर उनको विकास की मुख्‍यधारा में समाहित करना।

जहां तक कार्बी आंगलॉन्‍ग का सवाल है असम सरकार पांच वर्ष में एक हजार करोड़ रुपये इस क्षेत्र के विकास के लिए खर्च करेगी।

गृहमंत्री ने कहा कि समझौते में किए गए सभी वायदों को पूरा करना नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आतंक मुक्त पूर्वोत्तर की परिकल्पना में यह एक और बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दशकों पुरानी समस्या को हल करने और असम की क्षेत्रीय अखण्डता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम के लोगों के लिए कल का दिन ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि ये समझौता एक बड़ी उपलब्धि है और इससे क्षेत्र में शांति स्थापित होगी। यह एक बहुत बड़ा समझौता हुआ है, जहां हिल्‍स ट्राइब को भी एक रिजर्वेशन का मार्ग खुलेगा। प्‍लेन्‍स में जो कार्बी लोग बसते थे। ये लोग न शेड्यूल ट्राइब हिल्‍स था, न शेड्यूल ट्राइब प्‍लेन्‍स था। यह लोगों का एकदम इकोनॉमिकली डिप्राइवड था।

ये एकोर्ड से उनको भी शि‍ड्यूल ट्राइब के पास जो बहुत पहले मिलना चाहिए था। उनका रास्‍ता भी खुलेगा।

असम का दोनों ट्राइबल भाई कार्बी-बोडो सारे लोग खुश हैं। मुख्य धारा में वो लोग लौट कर आया और एक साथ मिलकर असम को सब लोग प्रगति की ओर ले के जाएगा।