‘बुलटू के बोल‘ ऐप बना बच्चों की पढ़ाई में सहायक : कोरोना के कठिन दौर में एजुकेशनल ऑडियो से बच्चों को मिली सहुलियत

अभनपुर :- कोरोना संक्रमण ने जहां पूरे मानव समाज और सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया वहीं इस कठिन दौर में शिक्षा का क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा और व्यापक रूप से बाधित हुआ।

ऐसे संक्रमण काल में कोरोना सैनिक के रूप में शिक्षिक-शिक्षिकाओं ने बच्चों को पढ़ाई से लगातार जोड़े रखने और उनके अध्ययन-अध्यापन को जारी रखने का कार्य किया। इस कार्य में ‘बुलटू के बोल‘ ऐप्प ने अपनी सराहनीय भूमिका अदा की।

रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ‘कुरू‘ की शिक्षिका कंचन लता यादव ने अपने स्कूल के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए ‘बुलटू के बोल‘ को माध्यम बनाया।

अन्य स्त्रोतों से प्राप्त आडियों के अलावा उन्होनें स्वयं बोलकर ‘बुलटू के बोल‘ कार्यक्रम के लिए एजुकेशनल ऑडियो बनाया।

यह आडियों पालकों और बच्चों तक ट्रांसफर किया जाता है। इसके श्रवण से कक्षा पहली से आठवीं तक के हिंदी मीडियम के बच्चे काफी लाभान्वित हो रहे हैं और रुचि लेकर पढ़ाई कर रहे हैं।

कंचन लता यादव का कहना है कि वे बच्चों और उनके पालकों को शिक्षा सामग्री ब्लुटूथ के माध्यम से शेयर करती हूं। उनका कहना है पालकों के साथ-साथ बच्चों की प्रतिक्रिया बहुत ही सराहनीय है।

‘बुलटू के बोल‘ के बारे में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले छात्र आदित्य कुमार वर्मा कहते हैं कि इस ऐप के माध्यम से हम घर बैठे -बैठे पढ़ाई कर रहे हैं।

इसी तरह आलोक राजपूत कहते हैं कि इस तरह की पढ़ाई से बहुत अच्छा लगता है और पढ़ाई का नुकसान भी नहीं हुआ।

कक्षा तीसरी के गौरव कुमार यादव कहते हैं कि इस एप्प के माध्यम से घर में ही पढ़ाई कर पा रहा हूं। इसी तरह हिमांशु सिन्हा, देव कुमार, पूनम वर्मा, जानकी यादव, हिना यादव जो कक्षा आठवीं के विद्यार्थी हैं, कहते हैं कि ऐप के माध्यम से ऐजुकेशनल आडियों सुनने पर ऐसा लगता है कि जैसे मैडम सामने ही बोल रही हैं।

इससे बहुत अच्छे से बात समझ आती है अच्छे से पढ़ाई हो रही है। अच्छे से घर में ही पढ़ाई कर पा रहे हैं। गांव के सरपंच का कहना है कि ‘बुलटू के बोल‘ बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा माध्यम है।