बिग ब्रेकिंग : पत्नी को पीटने और बेटियों को जबरन रख लेने के मामले में अपर कलेक्टर के खिलाफ महिला आयोग ने राज्य सरकार को भेजी अनुशंसा…. निलंबित कर, डिमोशन और सख्त विभागीय कार्रवाई की भेजी चीफ सिकरेट्री को अनुशंसा
रायपुर :– अपर कलेक्टर सुखनाथ अहिरवार अपने पत्नी की पिटाई और बच्चों को कब्जे में रखने के मामले मुश्किलें बढ़ गयी है। राज्य महिला आयोग ने अपर कलेक्टर सुखनाथ अहिरवार के खिलाफ सस्पेंड करने के साथ-साथ डिमोशन करने की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी है। इस मामले में 14 अक्टूबर को महिला आयोग में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान जिस तरह की शिकायत सुखनाथ अहिरवार को लेकर आयी थी और जो सबूत सामने आये, उसके बाद ही ये तय हो गया था कि अपर कलेक्टर की मुश्किलें बढ़नी तय है। सुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर ने महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक तक को धमका दिया।
महिला आयोग ने अपनी अनुशसा में बेहद ही तल्ख टिप्पणी सरकारी अधिकारी के खिलाफ की है। चीफ सिकरेट्री को भेजी अपनी अनुशंसा में किरणमयी नायक ने कहा कि सुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर का व्यव्हार बेहद ही गैर जिम्मेदाराना था। सुनवाई के दौरान दोनों बेटियों को जबरदस्ती उसकी मां से अलग रखने का प्रकरण भी सामने आया।
सुखनाथ अहिरवार की पत्नी ने एक साल पहले ही अपने पति की शिकायत की थी, रायगढ़ में की गयी शिकायत में उन्होंने लिखा था कि उनके पति उच्चाधिकारी हैं। उन्होंने दोनों बेटियों को जबरदस्ती अपने पास रखा है और मुझे मारपीट कर घर से निकाल दिया है। हालांकि शिकायत में ये भी कहा गया था कि उनके पति मारपीट उनके साथ करीब 9 साल से कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अहिरवार की पत्नी का मायका रायपुर में है। करीब एक वर्ष पहले अहिरवार रायगढ़ में पदस्थ थे। पत्नी ने बीते वर्ष नवंबर में वहां चक्रधरनगर थाने में पति व ससुराल वालों पर मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना की शिकायत की थी।
पत्नी की शिकायत के बाद महिला आयोग ने 9 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई तय की थी और अपर कलेक्टर को दोनों बेटियों के साथ उपस्थित होने को कहा था, लेकिन वो कोरोना ड्यूटी का बहाना बनाकर नहीं आये। उसके बाद 14 अक्टूबर को फिर सुनवाई की तारीख तय की गयी, इस तारीख को अपर कलेक्टर तो खुद आये, लेकिन अपनी दोनों बेटियों को लेकर नहीं आये। सुनवाई के दौरान पत्नी की सभी शिकायतें सही पायी गयी, जबकि अपर कलेक्टर सुनवाई के दौरान गैर जिम्मेदाराना तरीके से जवाब देते रहे।