भूपेंद्र यादव ने ‘वेटलैंड्स ऑफ इंडिया’ पोर्टल लॉन्च किया

वेटलैंड्स से जुड़ी सभी जानकारी अब एक ही पोर्टल पर

नई दिल्ली :- गांधी जयंती के अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह (4-10 अक्टूबर, 2021) की घोषणा करते हुए केन्‍द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक वेब पोर्टल ‘वेटलैंड्स ऑफ इंडिया पोर्टल’ (http://indianwetlands.in/) लॉन्‍च किया है जिसमें देश के वेटलैंड्स के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।  इस पोर्टल पर वेटलैंड्स से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध है।

यह पोर्टल सूचना प्रोसेसिंग करने और हितधारकों को ये जानकारी एक कुशल और सुलभ तरीके से उपलब्ध बनाने के लिए एक गतिशील प्रणाली है। यह पोर्टल छात्रों के लिए क्षमता निर्माण सामग्री, डेटा भंडार, वीडियो और जानकारी भी उपलब्‍ध कराता है।

यह भी महत्‍वपूर्ण है कि इस पोर्टल पर पहुंच के लिए प्रत्येक राज्य और केन्‍द्र शासित प्रदेश के लिए एक डैशबोर्ड भी विकसित किया गया है और ताकि वे अपने प्रशासन में स्थित वेटलैंड्स की जानकारी अपलोड करा सकें। यह पोर्टल विभिन्न राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा और आने वाले महीनों में इस पर अतिरिक्त विशेषताएं भी जोड़ी जाएंगी।

ज्ञान साझेदारों के लिए लॉगिन परिचय पत्र भी उपलब्‍ध कराए गए हैं। इस पोर्टल पर नागरिकों की सहभागिता भी होगी। वर्तमान में नागरिक अपना पंजीकरण कर सकते हैं और विभिन्न विषयों पर वेटलैंड्स से संबंधित चित्रों को भी अपलोड करा सकते हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि पंजीकृत नागरिक वेटलैंड्स मित्र बनने का संकल्प लेने का विकल्प भी चुन सकते हैं और अपने राज्य / केन्‍द्र शासित प्रदेश और अपने दिलचस्‍पी के क्षेत्रों को दर्शा  सकते हैं। यह जानकारी राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के लिए इच्छुक व्यक्तियों से संपर्क करने में भी मदद करेगी।

इस पोर्टल को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तकनीकी सहयोग परियोजना ‘जैव विविधता और जलवायु संरक्षण के लिए वेटलैंड्स प्रबंधन’ (वेटलैंड्स परियोजना) के तहत ड्यूश गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनरबीट (जीआईजेड) जीएमबीएच के साथ भागीदारी में विकसित किया गया है।

यह परियोजना अंतर्राष्ट्रीय जलवायु पहल (आईकेआई) के तहत पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा (बीएमयू) के लिए जर्मन संघीय मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है।