सरकारी कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय का स्वागत किया
नई दिल्ली : सरकारी कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय का स्वागत किया है जिसमें पेंशन की गारंटी दी गई है। कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर मुलाक़ात का अवसर देने के लिए भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है।
सरकारी कर्मी संगठन के संयुक्त सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें मुलाक़ात के लिए आमंत्रित किया था। मिश्र ने कहा कि यह पहला मौका था, जब प्रधानमंत्री ने संगठन को आमंत्रित किया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कल नई दिल्ली में बताया कि इस योजना में, न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मियों को आखिरी के 12 महीनों के मूल वेतन के औसत की पचास प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, कर्मचारी के देहान्त के बाद परिवार पेंशन साठ प्रतिशत कर दी गई है।
न्यूनतम 10 वर्ष की नौकरी के बाद सेवानिवृत्त होने पर कम से कम दस हज़ार रूपए पेंशन की गारंटी होगी। सुनिश्चित पेंशन, परिवार पेंशन और न्यूनतम पेंशन पर महंगाई भत्ता भी देय होगा जो औद्योगिक कर्मियों पर लागू अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित होगा। सेवानिवृत्ति पर उपदान यानी ग्रैच्युटी के अलावा एकमुश्त राशि का भुगतान भी किया जाएगा।
वैष्णव ने कहा कि इस योजना से लगभग 23 लाख सरकारी कर्मियों को लाभ होगा। यह योजना अगले वर्ष की पहली अप्रैल से लागू होगी।
वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार नीति के लिए अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और नियोजन नीति संबंधी जैव-प्रौद्योगिकी नीति को स्वीकृति दी गई है जिससे क्षेत्र विशेष के लिए अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी विकास और वाणिज्यीकरण को बढ़ावा देने के लिए जैव विनिर्माण, जैव यांत्रिक बुद्धिमत्ता केंद्र और जैव फाउंड्री की स्थापना करना है। इससे देश में कुशल कर्मियों की संख्या बढ़ेगी और रोजगार सृजन होगा। इसके अलावा, कार्बन से मुक्ति और पर्यावरण अनुकूल जीवन-शैली संबंधी सरकारी पहलों को भी बढ़ावा मिलेगा।
मंत्रिमंडल ने तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी भी दी है जिन्हें विज्ञान धारा योजना में मिला दिया गया है। इसके लिए 10 हजार पांच सौ 79 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सांस्थानिक तथा मानव क्षमता निर्माण, अनुसंधान और विकास तथा नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और तैनाती शामिल हैं।