20 सीटों का मुकाबला तय करेगा सत्ता की राह छत्तीसगढ़ में

रायपुर : कांग्रेस और भाजपा के आंतरिक सर्वे में 35-35 सीटों पर स्पष्ट जीत का अनुमान लगाया गया है। कठिन सीटों पर भी आकलन हो रहा है। छत्तीसगढ़ में 20 सीटों का मुकाबला सत्ता की राह तय करेगा। इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे बागी राजनीतिक पार्टियों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। बागियों की सक्रियता के कारण इन सीटों पर मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है।

छत्तीसगढ़ में दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा के द्वारा 35-35 सीटों पर आसानी से जीत का आकलन किया जा रहा है। वहीं, 20 सीटें ऐसी हैं, जिन पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे बागी भी राजनीतिक पार्टियों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। बागियों की सक्रियता के कारण इन सीटों पर मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है। यह भी स्पष्ट है कि यही 20 सीटें ही ये तय करेंगी कि छत्तीसगढ़ में अगले पांच वर्षों तक कौन शासन करेगा।

प्रदेश की कुल 90 सीटों पर बहुमत के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। मतदाताओं के रुझान के आधार पर कड़े मुकाबले की चर्चा हो रही है। कांग्रेस 75 पार तो भाजपा 55 सीट के साथ जीतने का दावा करती दिख रही है।

इन सीटों पर आकलन करना मुश्किल

रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर आकलन करना मुश्किल है। यहां कांग्रेस से बागी हुए अजीत कुकरेजा कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी कुलदीप जुनेजा के खिलाफ मैदान में हैं, जबकि भाजपा से बागी हुईं सावित्री जगत, भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा से बगावत कर प्रत्याशी हैं।

इसी तरह रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज शर्मा और भाजपा के प्रत्याशी मोतीलाल साहू के बीच मुकाबला है। राजनीतिक पार्टियां इस क्षेत्र में साहू समाज की बाहुल्यता के साथ-साथ अन्य समाज का समीकरण सुलझाने में लगी हुई हैं।

जशपुर विधानसभा सीट से प्रदीप खेस कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी विनय भगत के खिलाफ बगावत कर चुनावी मैदान में हैं, जबकि शिव भगत भाजपा की प्रत्याशी रायमुनि भगत के खिलाफ मैदान में हैं।

इसके अलावा विधानसभा सीट बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, मरवाही, लुंड्रा, लैलुंगा, कवर्धा, साजा, केशकाल, दंतेवाड़ा, कोंटा, धरमजयगढ़, कटघोरा, तखतपुर, अकलतरा, दुर्ग-ग्रामीण और भिलाई नगर में आकलन करना मुश्किल हो रहा है। इन्हें फंसी हुई सीट माना जा रहा है।