सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में प्रतिलीटर आठ रुपए और डीजल पर प्रतिलीटर छह रुपए की कटौती की
नई दिल्ली :- केन्द्र सरकार ने आज पेट्रोल पर आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क घटा दिया। इससे पेट्रोल पर साढे नौ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर सात रुपये प्रति लीटर की कमी होगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि इससे सरकार के राजस्व में तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष कमी आएगी।
उन्होंने सभी राज्यों से आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए इसी तरह की कटौती करने का आह्वान किया है। पिछले बार नवम्बर में केन्द्र सरकार ने जब केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की थी तो कई राज्य सरकारों ने इसका लाभ आम आदमी को नहीं दिया था।
उन्होंने कहा कि सरकार इस वर्ष प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नौ करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति वर्ष 12 सिलेण्डर तक दो सौ रुपये प्रति की सब्सिडी देगी। इससे प्रतिवर्ष सरकार पर छह हजार एक सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भार आएगा।
सरकार प्लास्टिक उत्पादों के विनिर्माण में प्रयोग किए जाने वाले कच्चे माल और अन्य पदार्थों के सीमा शुल्क में भी कटौती कर रही है। इससे उत्पादों की लागत में कमी आएगी। इसी तरह लोहा और इस्पात के सीमा शुल्क में भी कमी की जा रही है। इस्पात के कुछ कच्चे माल के आयात शुल्क में भी कटौती की जाएगी। इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाया जाएगा। सीमेंट की उपलब्धता बढ़ाने और मालवहन की लागत घटाने के कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड के कारण विश्व मुश्किल दौर से गुजर रहा है और यूक्रेन संघर्ष ने आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है और कई वस्तुओं की कमी हो गई है। इससे कई देशों में मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण नरेन्द्र मोदी सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है और गरीबों तथा मध्यवर्ग की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप सरकार के कार्यकाल में पिछली सरकारों की तुलना में मुद्रास्फीति की दर औसत रही है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ विकसित देश भी वस्तुओं की कमी और आपूर्ति की बाधाओं से नहीं बच सके हैं। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
सीतारामन ने कहा कि महामारी के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार ने, विशेष रूप से प्रधानमंत्री कल्याण अन्न योजना ने कल्याण के मानक तय किए हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया इसकी प्रशंसा कर रही है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से भी बचा रही है। बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए एक दशमलव शून्य-पांच लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है इसके अतिरिक्त एक दशमलव दस लाख करोड़ रुपये भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राज्य सरकारों से आम आदमी को राहत देने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम करने को कहा है।