उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का कल रात निधन हो गया। वे नवासी वर्ष के थे और पिछले कई सप्ताह से लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार कल बुलन्दशहर जिले के नरौरा घाट पर किया जाएगा।

राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रहे सिंह दो बार बुलन्दशहर और एटा से सांसद भी रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके निधन का समाचार मिलने पर अपनी गोरखपुर की यात्रा बीच में छोड़कर लखनऊ पहुंचे।

कल आधी रात को राज्य मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई गई। मंत्रिमंडल ने दिवंगत नेता के प्रति शोक व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। दिवंगत नेता के सम्मान में कल उत्तर प्रदेश में अवकाश घोषित किया गया है। मीडिया से बातचीत में योगी ने कहा कि कल्याण सिंह जी का निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

कल्याण सिंह जी के प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक और जिस दिन सायं काल नरौरा में गंगा जी के तट पर अंतिम संस्कार की कार्यवाही संपन्न होगी, यानी 23 अगस्त को प्रदेश के अंदर सार्वजनिक अवकाश घोषित रहेगा, जिससे हर व्यक्ति अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेगा। और उसके उपरांत अपराह्न में नरौरा में अंतिम संस्कार की कार्यवाही पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न होगा। मैं इस अवसर पर अपने दिवंगत नेता को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री और नौ बार विधानसभा सदस्य रहे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पैदा कल्याण सिंह की 1991 में उत्तर प्रदेश में पहली भाजपा सरकार बनाने में अहम भूमिका थी और इसीलिए पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया।

1997 में भी उत्तर प्रदेश के वो मुख्यमंत्री बने लेकिन धीरे-धीरे उनमें और अटल बिहारी वाजपेई सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो गए। यहीं से कल्याण सिंह के करिश्मे का अंत की शुरूआत हुई।

बाद में उन्होंने भाजपा छोड़ दी और अपनी राष्ट्रीय क्रांति पार्टी का गठन किया। 2004 में वह वापस भाजपा में आए लेकिन 2009 में उन्होंने एक बार फिर पार्टी छोड़ दी और अपने पुराने प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव के साथ गठबंधन कर लिया। बाद में वो फिर से भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया। जिस पद पर वह सितंबर 2019 तक रहे।

राष्ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति‍ और प्रधानमंत्री सहित तमाम मंत्रियों, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं, अन्‍य सभी राजन‍ीतिक दलों तथा सामाज के विभिन्‍न वर्गों ने श्री कल्‍याण सिंह के निधन पर दुख प्रकट किया है।

राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने ट्वीट कर कहा कि कल्‍याण सिंह जनता में बेहद लोकप्रिय थे। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के रूप में सिंह ने स्‍वच्‍छ राजनीति और शासन में अपराधियों और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति को प्राथमिकता दी।

उप-राष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा है कि कल्‍याण सिंह राष्‍ट्रवादी और अनुकरणीय नेता थे जो जनसेवा के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने शोक संतप्त परिवार और कल्‍याण सिंह के समर्थकों के प्रति समवेदना प्रकट की है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेशों में कहा है कि श्री कल्‍याण सिंह एक अग्रणी नेता, कुशल प्रशासक, जमीन से जुड़़े हुए नेता और विराट व्‍यक्तित्‍व के धनी थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। श्री मोदी ने श्री कल्‍याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह से बात कर अपनी संवेदना प्रकट की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सांस्‍कृतिक पुनरूत्‍‍थान में कल्‍याण सिंह के योगदान के प्रति आने वाली पीढि़यां सदैव कृतज्ञ रहेंगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने शोक संदेश में कहा है कि पूरा देश और भारतीय जनता पार्टी परिवार श्री कल्याण सिंह के निधन से शोक संतप्त है। उन्होंने कहा कि सिंह जैसे महान व्यक्तित्व विरले ही होते हैं, जो किसानों, निर्धनों और वंचित वर्गों को एक साथ विकास की मुख्य धारा में जोड़कर देश की उन्नति में योगदान करते हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा कि कल्याण सिंह न केवल भारतीय राजनीति के पुरोधा थे, बल्कि उन्होंने अपने व्यक्तित्व और रचनात्मकता के जरिए देश में अपनी अमिट छाप छोड़ी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कल्याण सिंह के निधन से आई राजनीतिक शून्यता को भरना असंभव है।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, जे.पी. नड्डा ने कहा कि कल्याण सिंह ने हमेशा गरीबों और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी आदर्शों से समझौता नहीं किया।