इस आशय की जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहू ने बताया कि कांकेर कृषि विज्ञान केन्द्र में स्थापित लघु धान्य प्रसंस्करण के तर्ज पर बायो-फोटिफाईड राईस की प्रसंस्करण संभावनाओं एवं कृषकों के यहॉ स्थानीय परिस्थिति का अवलोकन कर छत्तीसगढ़ राज्य एवं कांकेर जिले के लिए परियोजना निर्माण करने के उद्देश्य से भ्रमण किया गया।