संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों के कारण बार-बार बाधित
संसद के दोनों सदनों में पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही में लगातार बाधा आ रही है। लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दूसरे स्थगन के बाद साढे 12 बजे लोकसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, अकाली दल और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य इक्ट्ठा होकर सदन के बीचोंबीच आ गए। सदस्यों से बार-बार अपनी सीटों पर जाने और सदन चलाने का आग्रह किया गया लेकिन हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्षी सदस्यों के अनुचित व्यवहार पर अप्रसन्नता व्यक्त की। बिड़ला ने कहा कि अध्यक्ष और सत्ता पक्ष के सामने कागज फेंकना संसद की परम्परा के अनुरूप नहीं है और यह सदन की महान परम्परा की अवमानना है। कल की घटना का जिक्र करते हुए बिड़ला ने कहा कि संसद चलाना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर यह घटना फिर हुई तो ऐसे सदस्यों पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पडेगा। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्षी दल सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने सदन में कल की घटना पर निराशा व्यक्त की। जोशी ने कहा कि विपक्ष ने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष और संसदीय कार्यमंत्री के बीच बयानबाजी को देखते हुए कार्यवाही साढे 11 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। बैठक फिर शुरू होने पर हंगामा जारी रहने के कारण कार्यवाही साढे बारह बजे तक स्थगित करनी पडी।
उधर राज्यसभा में भी पहले स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं था। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके सहित विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों को लेकर नारेबाजी करने लगे तथा सदन के बीचोंबीच आ गए। हंगामे के बीच उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। उन्होंने विरोध कर रहे सदस्यों से बार बार अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया और संसदीय अनुशासन का पालन करने को कहा। हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।