जीएसटी मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को जारी रकम 1.06 लाख करोड़ पहुंची

राज्यों को 2,104 करोड़ रुपये की 19वीं किश्त सोमवार, 08 मार्च, 2021 को जारी की गई

1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी का 96प्रतिशत जारी किया गया

नई दिल्ली :- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए शुक्रवार को राज्यों को 2,104 करोड़ रुपये की 19वीं किश्त जारी की है। इसमें से 2,103.95 करोड़ रुपये की राशि 7 राज्यों को तथा 0.05 करोड़ रुपये की राशि केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी को प्रदान की गई है।

अभी तक, राज्यों और विधानसभा वाले केंन्द्र शासित प्रदेशों को कुल अनुमानित जीएसटी मुआवजे की कमी की 96 प्रतिशत राशि जारी की जा चुकी है। इसमें से 97,242.03 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को और विधानसभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों को 8,861.97 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

भारत सरकार ने जीएसटी कार्यान्वयन के कारण पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2020 में एक विशेष उधार विंडो स्थापित की थी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से भारत सरकार द्वारा इस विंडो के माध्यम से ऋण लिया जा रहा है। 23 अक्टूबर, 2020 से शुरू होने के बाद अब तक ऋण के 19 दौर पूरे हो चुके हैं।

विशेष विंडो के तहत, भारत सरकार 3 साल और 5 साल के कार्यकाल के लिए सरकारी स्टॉक में उधार ले रही है। प्रत्येक टेनर के तहत किए गए उधार को जीएसटी क्षतिपूर्ति की कमी के अनुसार सभी राज्यों में समान रूप से विभाजित किया गया है।

इस सप्ताह जारी की गई राशि राज्यों को उपलब्ध कराई गई धनराशि की 19वीं किश्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.8594 प्रतिशत की ब्याज दर पर उधार ली गई है। अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस विशेष उधार विंडो के माध्यम से 4.8842 प्रतिशत की औसत ब्याज दर पर 1,06,104 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।

जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए विशेष ऋण विंडो के माध्यम से धन उपलब्ध कराने के अलावा भारत सरकार ने जीएसटी मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 चुनने वाले राज्यों को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति भी दी है, ताकि इन राज्यों की अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद की जा सके। सभी राज्यों ने विकल्प-1 के लिए अपनी प्राथमिकता दी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत) की पूरी अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी गई है।

28 राज्यों को दी गई अतिरिक्त ऋण अनुमति की राशि और विशेष विंडो के मार्फत जुटाई गई निधियों की राशि तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अभी तक जारी की गई राशि यहां संलग्न है।

राज्यवार जीएसडीपी की 0.50 प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण की अनुमति और मार्च, 2021 तक विशेष विंडो के मार्फत जुटाई गई तथा राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई धनराशि  (करोड़ रुपये में)

क्र. सं. राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के नाम राज्यों को अनुमति दी गई 0.50 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण की राशि विशेष विंडो के मार्फत जुटाई गई और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की दी गई धनराशि
1 आंध्र प्रदेश 5051 2306.59
2 अरुणाचल प्रदेश* 143 0.00
3 असम 1869 992.12
4 बिहार 3231 3897.50
5 छत्तीसगढ़ 1792 2654.69
6 गोवा 446 838.38
7 गुजरात 8704 9204.31
8 हरियाणा 4293 4343.62
9 हिमाचल प्रदेश 877 1713.71
10 झारखंड 1765 1442.18
11 कर्नाटक 9018 12383.13
12 केरल 4,522 4923.48
13 मध्य प्रदेश 4746 4533.28
14 महाराष्ट्र 15394 11954.02
15 मणिपुर* 151 0.00
16 मेघालय 194 111.80
17 मिजोरम* 132 0.00
18 नगालैंड* 157 0.00
19 ओडिशा 2858 3814.67
20 पंजाब 3033 7137.53
21 राजस्थान 5462 4249.28
22 सिक्किम* 156 0.00
23 तमिलनाडु 9627 6229.05
24 तेलंगाना 5017 2196.62
25 त्रिपुरा 297 225.54
26 उत्तर प्रदेश 9703 5995.48
27 उत्तराखंड 1405 2311.55
28 पश्चिम बंगाल 6787 3783.50
  कुल (): 106830 97242.03
1 दिल्ली लागू नहीं 5853.76
2 जम्मू-कश्मीर लागू नहीं 2267.62
3 पुदुचेरी लागू नहीं 740.59
  कुल (बी): लागू नहीं 8861.97
  कुल योग (+बी) 106830 106104.00