कलेक्टर बंसल ने कहा कि आज के व्यस्तता और भागदौढ़ वाले जिंदगी में कई बार हम अपने खुद का देखभाल करना भूल जाते है। जिस कारण हम कई बार अपने आस-पास के अच्छी घटनाओं को भी नजर अंदाज कर देते हैं। आज हमारे गाँव में प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी रूप में कई बार मानसिक तनाव का सामना करता है। चाहे वह परिवार की चिंता हो, कृषि या आजीविका की चिंता, स्कूली बच्चों को अपने पढाई की चिंता, माताओं को अपने शिशु की देखभाल की चिंता, यही छोटी छोटी चिंताएं और तनाव धीरे धीरे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का रूप ले लेती है और हमारा और हमारे परिवार का जीवन कठिनायों से भर जाता है।

ज्यादातर समय हम अपने इन चिन्ताओ और तनावों के बारे में किसी से बात नहीं करते या हमें इसके लिए कोई उपयुक्त स्थान नहीं मिल पाता, जहां पर हम अपने समस्याओं के बारे में बात करें परन्तु इन तनावों से बाहर निकलकर एक खुशहाल जीवन जीने के लिए यह जरुरी है कि हम अपने छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए आपस में एक दुसरे से बात करें।

कलेक्टर ने कहा कि क्यों ना हम अपने गाँव में एक सकारात्मक सामाजिक वातावरण की कल्पना करें जिसमें हम अपनी समस्याओ के बारे में खुल कर बात कर सकें, ताकि मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओ को प्रारंभिक रूप में ही रोका जा सके और एक खुशहाल सामाजिक और पारिवारिक वातावरण का निर्माण किया जा सके।

इसके लिए आवश्यक है, कि ग्राम स्तर पर सभी साझेदार जैसे पंचायत प्रतिनिधि, स्कूली शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, हमारी स्व सहायता समूह और मितानिन व्यापक रूप से मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी बातों को घर-घर तक ले जायें ताकि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समुदाय को जागरूक किया जा सके और खुशहाल जीवन जीने के तरीको के बारे में बताया जा सके।

कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  इंद्रजीत चंद्रवाल, बापू ट्रस्ट पूणे के पदाधिकारी उपस्थित थे।