दो दिन में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाने वाले रेत घाटों की लीज होगी निरस्त : अवैध रेत उत्खनन रोकने और रेत के दाम नियंत्रण के लिये तेज होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने दिये निर्देश, समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में हुई समीक्षा
कोरबा:- प्रशासन द्वारा स्वीकृत रेत घाटों में लीज धारकों द्वारा सीसीटीवी कैमरे और रेत घाट के सम्पूर्ण विवरण तथा रेत का मूल्य प्रदर्शित करने वाले बोर्ड नहीं लगाने पर घाटों की लीज निरस्त हो सकती है।
कलेक्टर किरण कौशल ने आज समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में अगले दो दिनों में स्वीकृत सभी रेत घाटों पर सीसीटीवी कैमरे और विवरण बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाकर प्रतिवेदन खनिज विभाग को देने के निर्देश सभी लीज धारकों को दिये हैं।
समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने आज अवैध रेत उत्खनन को रोकने और आमजनों को रियायती दरों पर रेत की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये अधिकारियो द्वारा पिछले एक सप्ताह में की गई कार्रवाईयों की समीक्षा की।
उन्होंने ऐसे सभी प्रकरणों में कार्रवाई तेज करने के निर्देश राजस्व एवं खनिज विभाग के अधिकारियों को दिये।
कलेक्टर कौशल ने निर्देशों के बावजूद भी पोड़ी और बंजारी रेत घाटों पर अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनो घाटों के लीज धारकों को नोटिस जारी करने के निर्देश खनिज अधिकारी को दिये।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त एस. जयवर्धन सहित तीनों अनुविभागों के एसडीएम, राजस्व अधिकारी और विकासखण्ड मुख्यालयों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी विभागों के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए।
बैठक में कलेक्टर ने स्वीकृत रेत घाटों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिये।
उन्होंने ज्यादा रेट पर आमजनों को रेत बेचने की शिकायत मिलने पर तत्काल रेत घाटों पर कार्रवाई करते हुए पंचनामा बनाने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बैठक में सीधे-सीधे निर्देशित किया कि अवैध रेत खनन और अनावश्यक रूप से रेट बढ़ाकर लोगों को रेत बेचने के प्रकरणों में कड़ी कार्रवाई की जाये। ऐसे सभी प्रकरणों में लिप्त रेत घाटों को निरस्त कर लीज धारकों के विरूद्ध भी खनन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाये।
अवैध रेत घाटों का होगा सर्वे, रेत की उपलब्धता के अनुसार होगी नीलामी – समय सीमा की बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जिले में रेत की अवैध घाटों और स्थानों की जानकारी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों तथा खनिज विभाग के अधिकारियों से ली।
उन्होंने ऐसे सभी घाटों का रेत की उपलब्धता के अनुसार सर्वे कराने के निर्देश खनिज विभाग के अधिकारियों को दिये।
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि व्यावसायिक तौर पर उपयुक्त पाये जाने पर ऐसे सभी अवैध रेत घाटों का सीमांकन कराकर उनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाये।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि अवैध रेत घाटों की नीलामी से एक और जहां रेत का अवैध उत्खनन और उससे होने वाली परेशानियां खत्म होंगी वहीं दूसरी और रेत घाटों से शासन को राजस्व भी मिलेगा। अवैध रेत घाटों के शासकीय तौर पर नीलाम हो जाने से जिले में रेत घाटोें की संख्या बढ़ेगी जिससे रेत की उपलब्धता में भी बढ़ोत्तरी होगी और लोगों को कम दामों पर आसानी से निर्माण कार्यों के लिये रेत मिल सकेगी।
खनिज अधिकारी एस.एस. नांग ने बताया कि जिले मे मुख्यतः 12 जगहों से अवैध रेत का उत्खनन बड़ी मात्रा में होता है।
कोरबा विकासखण्ड में ढेंगुरनाला, दोंदरो, अजगरबहार, श्यांग और लेमरू क्षेत्र में, कटघोरा विकासखण्ड में बरमपुर और विजयपुर, करतला में उमरेली, पाली विकासखण्ड में कसरौला और दुरवा-दादर तथा पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में बड़तरई और दुड़गा में अवैध रूप से रेत निकाली जाती है।
कलेक्टर ने इन सभी जगहों पर अगले एक सप्ताह में नजरी सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और व्यावसायिक रूप से रेत निकालने के लिये उपयुक्त होने पर नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जिला खनिज अधिकारी को दिये।