नहीं रहे ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ के गीतकार अभिलाष, पैसों की कमी के चलते कैंसर से हुआ निधन

मुम्बई:– बचपन में आपने भी ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना’ प्रार्थना गाई और सुनी होगी। इसको लिखने वाले मशहूर लिरिसिस्ट अभिलाष ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। खबरों के मुताबिक, अभिलाष ने सोमवार सुबह आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके पास इलाज करवाने के पैसे भी नहीं थे। उन्हें लिवर कैंसर था और वे पिछले 10 महीनों से बिस्तर पर थे।2 दिन पहले ही मीडिया में अभिलाष की हालत के बारे में जानकारी सामने आई थी। गीतकार की पत्नी नीरा अभिलाष ने इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसाइटी (IPRS) से अर्जेंट फाइनेंशियल हेल्प मांगी थी।
इलाज पर खर्च हो गई थी जमा-पूंजी
परिवार के सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि फैमिली ने अपनी पूरी जमा-पूंजी अभिलाष की मेडिकल केयर पर खर्च कर दी थी। शुरुआत में उन्हें शुभचिंतकों से मदद मिल रही थी। लेकिन वे भी ज्यादा दिनों तक खर्च नहीं उठा सके। क्योंकि लिवर कैंसर का खर्च काफी महंगा है।
इन फिल्मों के लिए लिखे थे गाने:-
IMDB की लिस्ट के मुताबिक, अभिलाष ने ‘रफ्तार’ (1975), ‘जहरीली’ (1977), ‘सावन को आने दो’ (1979),’लाल चूड़ा’ (1974), ‘अंकुश’ (1986), ‘हलचल’ (1995) और ‘मोक्ष’ (2013) जैसी फिल्मों के लिए गाने लिखे थे। इसके अलावा ‘जय जगन्नाथ’ (2007) के डायलॉग्स और ‘जीते हैं शान से’ (1988) की एडिशनल स्टोरी के लिए भी उन्हें क्रेडिट दिया गया है।