छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को 16 जून से 31 जुलाई तक 38 दिनों का मिलेगा राशन : जिला शिक्षा अधिकारियों को सूखा राशन वितरण कराने के निर्देश
रायपुर :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य के सभी स्कूली बच्चों को कोरोना संक्रमण काल में भी मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि राज्य शासन के निर्णय अनुसार कोविड-19 के संक्रमण के चलते शालाओं के बंद रहने की अवधि 16 जून से 31 जुलाई तक कुल 38 शालेय दिवसों का भी पूर्व की तरह मध्यान्ह भोजन का सूखा राशन स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में वितरण किया जाएगा।
सूखा राशन सामग्री का वितरण सुविधानुसार स्कूल में अथवा घर-घर पहुंचाकर देने के निर्देश दिए गए हैं। वितरण के दौरान बच्चों या पालकों के मध्य सामाजिक दूरी बनाए रखी जाएगी। इस संबंध में आयुक्त लोक शिक्षण डॉ. कमलप्रीत सिंह ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय से जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव को नियंत्रण के लिए राज्य में स्कूलों को आगामी आदेश तक के लिए बंद रखने का आदेश राज्य शासन द्वारा जारी किया गया।
मध्यान्ह भोजन नियम के प्रावधान के अंतर्गत बच्चों को स्कूल बंद रहने की अवधि में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदान किया जाना है। अतः खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल एवं निर्धारित कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री – दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित किया जाना है।
सूखा राशन सामग्री वितरण हेतु जारी निर्देश में कहा गया है कि मध्यान्ह भोजन योजना की गाईडलाइन के अनुसार कक्षा पहली से 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतबा में दर्ज है, उन्हें मध्यान्ह भोजन दिया जाए।
सूखा राशन वितरण में बच्चों को चावल, दाल एवं तेल की मात्रा भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नहीं होनी चाहिए।
बच्चों को प्रदाय की जाने वाली सामग्रियों को पृथक-पृथक सील बंद पैकेट बनाकर प्रति छात्र सभी सामग्रियों का एक बड़ा पैकेट बनाया जाए। वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्रियां उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सामग्रियों की पैकिंग के पूर्व और पैकिंग के बाद के फोटोग्राफ लिए जाए। सामग्री के ब्रांड से संबंधित फोटोग्राफ और सामग्री नमूनार्थ एक माह तक के लिए रखी जाए। जिससे किसी प्रकार की शिकायत होने पर गुणवत्ता के संबंध में जांच की जा सके।
सूखा राशन वितरण के संबंध में प्रत्येक शाला में बच्चों को वितरित होने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता एवं मात्रा सुनिश्चित करने हेतु सामग्री वितरण के लिए जिला स्तर पर इस प्रकार कार्ययोजना बनाई जाए जिससे इसकी सूक्ष्म मॉनिटरिंग की जा सके।
स्कूल शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 38 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 3 किलो 800 ग्राम, दाल 760 ग्राम, आचार 238 ग्राम, सोयाबड़ी 380 ग्राम, तेल 190 ग्राम और नमक 238 ग्राम प्रदाय किया जाना है। इसी प्रकार माध्यमिक स्कूलों में 38 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 5 किलो 700 ग्राम, दाल एक किलो एक किलो 140 ग्राम, आचार 380 ग्राम, सोयाबड़ी 570 ग्राम, तेल 285 ग्राम और नमक 380 ग्राम प्रदाय किया जाना है।
स्कूलों के लिए चावल पूर्व की तरह ही उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से प्रदाय किया जाएगा